Edited By ,Updated: 05 Nov, 2016 11:49 AM
यूनाइटेड किंगडम यानि यू.के. करंसी पौंड में पिछले एक साल में आई भारी गिरावट से कहीं मायूसी छाई है और कहीं कई लोग खुश भी हैं।
नई दिल्ली: यूनाइटेड किंगडम यानि यू.के. करंसी पौंड में पिछले एक साल में आई भारी गिरावट से कहीं मायूसी छाई है और कहीं कई लोग खुश भी हैं।
रुपए के मुकाबले पौंड की कीमत पिछले एक साल में 20 प्रतिशत गिर चुकी है। 12 दिसम्बर को भारतीय रुपए के मुकाबले पौंड की कीमत 102 रुपए थी जो इस सप्ताह 81 रुपए तक पहुंच गई थी। पौंड में इस गिरावट का सीधा असर भारत में रहने वाले उन लोगों पर हुआ है जिनके पारिवारिक सदस्य यू.के. में काम करते हैं और अपनी कमाई का हिस्सा घर में भेजते हैं। पौंड में गिरावट के चलते इन आप्रवासी भारतीयों का बजट गड़बड़ा गया है।
यू.के. में 18 लाख भारतीय
विदेश मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक यू.के. में करीब 18 लाख भारतीय रहते हैं। इनमें से 14,51,862 पी.आई.ओ. हैं, जबकि 3,25,000 एन.आर.आई. हैं। यू.के. 2011 की सैन्सस के मुताबिक यू.के. में करीब 9 लाख हिन्दू हैं, जबकि सिखों की आबादी करीब 4,23,000 है। इन 18 लाख भारतीयों में से अधिकतर लोग पंजाब से संबंध रखते हैं। लिहाजा पंजाब पर इसका प्रभाव बहुत ज्यादा है।
भारत को क्या फायदा
पौंड में गिरावट से सिर्फ भारतीयों को नुक्सान ही नहीं हो रहा बल्कि बड़ी संख्या में वे इससे फायदे में भी हैं। जिनके बच्चे यू.के. में पढ़ाई कर रहे हैं उनके लिए बच्चों की फीस चुकानी आसान हो गई है क्योंकि 3 या 4 साल के कोर्स कर रहे छात्रों के परिजनों को इस साल फीस पर 20 प्रतिशत की बचत होगी। इसके अलावा यू.के. में घूमना, शॉपिंग करना भी उनके लिए सस्ता हो गया है। लिहाजा इस बार क्रिसमस की छुट्टियों पर भारतीयों की नजर में यू.के. पसंदीदा डैस्टिनेशन रह सकता है।
निवेशकों के लिए मौके
पौंड में गिरावट की असली वजह यू.के. की अार्थिकता में आई गिरावट है। आर्थिक मंदी के चलते दुनिया भर के बड़े बैंक लंदन में अपने ऑफिस बंद कर रहे हैं। इतना ही नहीं, कई एम.एन.सीज ने लंदन से अपने कर्मी वापस बुलाए हैं जिसके चलते रियल्टी क्षेत्र मंदी की चपेट में आ गया है। यू.के. के शहरी इलाकों में घरों और कार्यालयों के रैंट में भारी कमी देखने को मिल रही है।रियल्टी में आई इस गिरावट को भारतीयों के लिए एक मौके के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि जानकार अभी रियल्टी सैक्टर में और ज्यादा गिरावट आने की आशंका जता रहे हैं लेकिन यदि अभी से शुरूआत की जाए तो भारतीय निवेशकों के लिए यू.के. में अच्छा मौका हो सकता है।
ब्रेग्जिट पर हाईकोर्ट के फैसले से संभला पौंड
यू.के. द्वारा यूरोपियन यूनियन से बाहर निकलने के लिए करवाए गए जनमत सर्वेक्षण के फैसले पर वीरवार आए हाईकोर्ट के फैसले से पौंड की जान में थोड़ी जान आई है लेकिन पौंड की यह मजबूती कितनी लंबी टिकेगी, इसके बारे में फिलहाल कुछ भी कहना मुश्किल है। अदालत के फैसले के बाद पौंड की कीमत में 2 दिन में 2 रुपए की तेजी देखी गई है। दरअसल यू.के. में हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकार संसद की मंजूरी के बिना संविधान की धारा 50 की मूल भावना के खिलाफ फैसला नहीं ले सकती यानि अब इस जनमत संग्रह को लेकर भी संसद में बहस हो सकती है। सरकार अब इस फैसले के खिलाफ अपील करने जा रही है।