Edited By ,Updated: 16 Dec, 2016 07:15 PM
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उद्योगों के विकास को तरक्की का केन्द्र बताते हुए आज कहा कि भारत को गरीबी और पिछड़ेपन को दूर करने के लिए बेहतर आर्थिक खुशहाली के लिए प्रयास करने की जरूरत है।
नई दिल्लीः राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उद्योगों के विकास को तरक्की का केन्द्र बताते हुए आज कहा कि भारत को गरीबी और पिछड़ेपन को दूर करने के लिए बेहतर आर्थिक खुशहाली के लिए प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कंपनियों को इस पर भी गौर करना चाहिए कि वे जो भी काम करती हैं और कदम उठाती हैं वह कितना नैतिक और उचित है।
राष्ट्रपति आज यहां वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘उद्योगों का विकास आर्थिक उन्नति का केन्द्र है। हमारे औद्योगिक क्षेत्र की सफलता हमारे संसाधनों के कुशल इस्तेमाल पर निर्भर करती है। इसमें श्रम शक्ति के साथ-साथ पूंजी का भी अधिक से अधिक उत्पादक इस्तेमाल महत्वपूर्ण है।’’
राष्ट्रपति ने कहा कि कार्यबल में कठिन परिश्रम, संवेदनशीलता और काम के प्रति लगन की संस्कृति लाना जरूरी है और यहां आध्यात्मिकता की भूमिका भी आती है। उन्होंने कहा कि एक खुशहाल और संतुष्ट कार्यबल ही स्वस्थ्य औद्योगिक माहौल की कुंजी है। ‘‘संगठनात्मक स्तर पर कंपनियों को देखना चाहिए कि वह किस प्रकार अपने बेहतर मूल्यों को बनाए रख सकती हैं। उनकी कार्रवाई और पहल कितनी नैतिक और उचित है? वह अपने कर्मचारियों के किस प्रकार के व्यवहार को पुरस्कृत करते हैं? राष्ट्रपति ने कहा कि संगठनों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए उनकी संस्कृति यानी जिस प्रकार वह चीजों को करते हैं, उससे समावेशी और सहयोग की भावना को बढ़ावा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के लिए चीजों को खुद को उनके समक्ष रखकर स्व: वास्तविकीकरण के अनुरूप किया जाना चाहिए।