Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Oct, 2017 06:49 PM
मुखौटा कम्पनियों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई अब आगे बढऩे लगी है। जल्द ही इन कम्पनियों और उनके प्रोमोटरों को इसका असर दिखाई दे सकता है। दरअसल कम्पनी मामलों के मंत्रालय ने राज्यों से कहा कि वे मुखौटा कम्पनियों की सम्पत्तियों की पहचान जल्द से जल्द पूरा...
नई दिल्ली: मुखौटा कम्पनियों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई अब आगे बढऩे लगी है। जल्द ही इन कम्पनियों और उनके प्रोमोटरों को इसका असर दिखाई दे सकता है। दरअसल कम्पनी मामलों के मंत्रालय ने राज्यों से कहा कि वे मुखौटा कम्पनियों की सम्पत्तियों की पहचान जल्द से जल्द पूरा करें और जिला प्रशासन इनमें किसी तरह के लेन-देन पर प्रभावी रोक लगाए।
2.25 लाख कम्पनियों का पंजीकरण हुआ था रद्द
मंत्रालय ने 2.25 लाख ऐसी कम्पनियों का पंजीकरण रद्द कर दिया था जिनके द्वारा लंबे अरसे से कोई कारोबार नहीं किया जा रहा था और रिटर्न फाइङ्क्षलग में उल्लंघन किया जा रहा था। इन कम्पनियों के निदेशकों को भी अयोग्य घोषित कर दिया गया है।एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार कम्पनी मामलों के राज्य मंत्री पी.पी. चौधरी ने एक बैठक में अपंजीकृत की गई करीब 2.09 लाख कम्पनियों की सम्पत्तियों के मामले में कार्रवाई पर विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ समीक्षा की।
नैशनल कम्पनी लॉ ट्रिब्यूनल के आदेश पर ही कोई लेन-देन होगा वैध बैठक में चौधरी ने राज्यों के प्रतिनिधियों से कहा कि तुरंत कार्रवाई की जाए और समयबद्ध तरीके से जानकारियां सांझा की जाएं। मंत्रालय के अनुसार चूंकि इन कम्पनियों के नाम पंजीकरण की सूची से हटा दिए गए हैं। इस वजह से इन कम्पनियों की सम्पत्तियों में कोई लेन-देन नहीं हो सकता है। नैशनल कम्पनी लॉ ट्रिब्यूनल के आदेश पर ही कोई लेन-देन वैध होगा।