Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Nov, 2017 08:30 AM
फाइनैंस मिनिस्ट्री के सूत्रों के हवाले से यह खबर आई है कि मार्च 2018 के अंत तक सरकार रीकैप बांड के जरिए पी.एस.यू. बैंकों में 70 हजार करोड़ रुपए डाल सकती है। 8 लाख करोड़ के एन.पी.ए. का दबाव झेल रहे पी.एस.यू. बैंक सैक्टर को इससे बड़ी राहत मिल सकती है।...
नई दिल्लीः फाइनैंस मिनिस्ट्री के सूत्रों के हवाले से यह खबर आई है कि मार्च 2018 के अंत तक सरकार रीकैप बांड के जरिए पी.एस.यू. बैंकों में 70 हजार करोड़ रुपए डाल सकती है। 8 लाख करोड़ के एन.पी.ए. का दबाव झेल रहे पी.एस.यू. बैंक सैक्टर को इससे बड़ी राहत मिल सकती है। बता दें कि पिछले महीने ही सरकार ने पी.एस.यू. बैंकों के लिए री-कैपिटेलाइजेशन प्लान को मंजूरी दी थी, जिसके तहत बैंकों को अगले 2 साल में 2.1 लाख करोड़ दिए जाने हैं, इनमें से 1.37 लाख करोड़ री-कैपिटेलाइजेशन बांड के जरिए दिए जाने का प्लान है, वहीं 76 हजार करोड़ बजट और मार्कीट से जुटाकर दिए जाने हैं। एन.पी.ए. का दबाव झेल रहे पी.एस.यू. बैंकों के रिवाइवल के लिए सरकार यह कदम उठा रही है। सरकार अभी यह तय करने में लगी है कि बांड का स्ट्रक्चर कैसा होगा। इस महीने के अंत तक इस बारे में निर्णय लिया जा सकता है।
सरकार की निगाहें बैंकों के अर्निंग सीजन पर
पिछले हफ्ते फाइनैंस मिनिस्टर अरुण जेतली ने यह कहा था कि रीकैप बांड के लिए अलग-अलग विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। जो सबसे बेहतर होगा, उसके जरिए बांड जारी किए जाएंगे। फिलहाल सूत्रों का कहना है कि अभी इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। अभी सरकार की निगाहें बैंकों के अर्निंग सीजन पर हैं कि किस बैंक का रिजल्ट कैसा रहेगा।