खरीफ फसल का एमएसपी इस माह से लागू होगा: केन्द्र

Edited By ,Updated: 17 Sep, 2016 11:06 AM

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दलहन जैसी कुछ फसलों के मंडियों में कुछ पहले आना शुरू होने के साथ सरकार ने आज कहा कि चालू वर्ष में उगाए गए सभी खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी)

नई दिल्ली: दलहन जैसी कुछ फसलों के मंडियों में कुछ पहले आना शुरू होने के साथ सरकार ने आज कहा कि चालू वर्ष में उगाए गए सभी खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सितंबर महीने से लागू होंगे। सामान्य तौर पर खरीफ फसलों की कटाई अक्तूबर महीने से शुरू होती है लेकिन इस वर्ष खरीफ दलहन विशेषकर मूंग सितंबर में ही बाजार में आना शुर हो गया है और एमएसपी पर इसकी खरीद को शुरू कर दी है क्योंकि मंडी की कीमत समर्थन मूल्य से कम रह गई है। 


कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "केन्द्र ने फैसला किया है कि वर्ष 2016 में उगाए गए खरीफ फसल के लिए एमएसपी एक सितंबर 2016 से लागू होंगे। यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि खरीफ में बोए गए कटाई के बाद अक्तूबर से भी पहले बाजार में पहुंच सकते हैं।" इस फैसले को सभी प्रदेशों और केन्द्र शासित प्रदेशों के कृषि सचिवों को बता दिया गया है। केन्द्र सरकार हर सत्र में किसानों के उनके उत्पादन के लिए लाभकारी मूल्य को सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख कृषि जिंसों के लिए एमएसपी की घोषणा करती है। चालू फसल वर्ष 2016-17 (जुलाई से जून) के लिए खरीफ फसलों के लिए एमएसपी की घोषणा एक जून को की गई थी। 

अलग से जारी एक विज्ञप्ति में मंत्रालय ने कहा कि खरीफ फसलों के तहत कुल बुवाई का रकबा इस वर्ष अभी तक बढ़कर 1,058.48 लाख हैक्टेयर हो गया है जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 1,022.61 लाख हैक्टेयर ही था। खरीफ (गरमी) की बुवाई जून में दक्षिण पश्चिम मानसून के आरंभ के साथ शुरू होती है जो लगभग समाप्ति की आेर है।  चालू खरीफ सत्र में अभी तक दलहन खेती के रकबे में पर्याप्त वृद्धि हुई है जो बढ़कर 144.96 लाख हैक्टेयर हो गया है जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 112.43 लाख हैक्टेयर ही था। 

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार धान का रकबा 371.74 लाख हैक्टेयर से मामूली बढ़ कर 382 लाख हैक्टेयर हो गया जबकि मोटे अनाज का रकबा 182.70 लाख हैक्टेयर से बढ़कर 188.62 लाख हैक्टेयर हो गया। चालू खरीफ सत्र में अभी तक तिलहन खेती का रकबा पिछले वर्ष के 183.21 लाख हैक्टेयर से बढ़कर 188.33 लाख हैक्टेयर हो गया।  नकदी फसलों में कपास का रकबा पहले के 115.20 लाख हैक्टेयर से घटकर 102.23 लाख हैक्टेयर रह गया। गन्ना खेती का रकबा भी पहले के 49.60 लाख हैक्टेयर से घटकर 45.77 लाख हैक्टेयर रह गया। सरकार फसल वर्ष 2016-17 में 27 करोड़ एक लाख टन के रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य कर रही है। 

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