Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Feb, 2018 03:00 PM
अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवाओं (यूएससीआईएस) ने आज कहा कि नए एच1बी ज्ञापन का उद्देश्य डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा अमेरिकी और गैर आव्रजकों श्रमिकों पेशेवरों के लिए वेतन और कार्य स्थितियों में सुधार करना है। यूएससीआईएस ने गुरुवार को नया नीति...
वाशिंगटनः अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवाओं (यूएससीआईएस) ने आज कहा कि नए एच1बी ज्ञापन का उद्देश्य डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा अमेरिकी और गैर आव्रजकों श्रमिकों पेशेवरों के लिए वेतन और कार्य स्थितियों में सुधार करना है। यूएससीआईएस ने गुरुवार को नया नीति ज्ञापन जारी किया है, जिसके तहत तीसरे पक्ष की साइट पर किसी कंपनी के एच1बी कर्मचारी की जरूरत के बारे में नियम कड़े किए गए हैं।
एच1बी कार्यक्रम के तहत अस्थायी अमेरिकी वीजा दिए जाते हैं। इसके तहत अमेरिकी पेशेवरों की कमी के मद्देनजर कंपनियां दक्ष विदेशी पेशेवरों की नियुक्ति कर सकती हैं। यूएससीआईएस के प्रवक्ता ने कहा कि हम तीसरे पक्ष की साइट के लिए मौजूदा नियमनों और नीतियों को स्पष्ट कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि ट्रंप सरकार ने एच1बी वीजा जारी करने के नियम सख्त कर दिए हैं जिससे यहां खासकर जॉब-वर्क करने वाली भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए अल्पकालिक अवधि के लिए भारत से कुशलर्किमयों को बुलाने में भारी दिक्कतें हो सकती है।
अमेरिकी सरकार की नई नीति के तहत यह साबित करना होगा कि एक या एक से अधिक स्थानों पर जॉब-वर्क की तरह के काम करने के लिए इस वीजा पर बुलाए जा रहे कर्मचारी का काम विशिष्ट प्रकार का है और उसे खास जरूरत के लिए बुलाया जा रहा है। सरकार यह वीजा ऐसे कर्मचारियों के लिए जारी करती है जो बहुत उच्च कौशल प्राप्त होते हैं और उस तरह के हुनरमंद लोगों की अमेरिका में कमी होती है।