Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Jun, 2017 01:08 PM
भारतीय स्टेट बैंक द्वारा पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के जरिए बाजार से जुटाई गई 15,000 करोड़ रुपए की राशि बैंक के लिए सकारात्मक है
नई दिल्लीः भारतीय स्टेट बैंक द्वारा पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के जरिए बाजार से जुटाई गई 15,000 करोड़ रुपए की राशि बैंक के लिए सकारात्मक है और इससे पूंजी के लिए बैंक की सरकार पर निर्भरता कम होगी। अमरीका की साख निर्धारण एजेंसी मूडीज ने यह कहा है। अमरीका की इस एजेंसी ने एक रिपोर्ट में कहा है कि सरकार की तरफ से बैंक में किए जाने वाले किसी भी तरह के पूंजीकरण से बैंक का पूंजी आधार और मजबूत होगा।
भारतीय स्टेट बैंक ने पिछले सप्ताह पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के जरिए बाजार से 15,000 करोड़ रुपए की पूंजी जुटाई थी। रेटिंग एजेंसी ने कहा है, "बैंक ने जो पूंजी जुटाई है वह उसकी साख के लिए सकारात्मक है क्योंकि इससे बैंक का पूंजीकरण मजबूत होगा और इससे इसकी ऋण वृद्वि का सहारा मिलेगा। बैंक को बासेल-तीन नियमों के तहत अधिक पूंजी की जरूरत होगी।
एजेंसी ने कहा है कि इस पूंजी के जुटाने के बाद बैंक बासेल-तीन के नियमों के तहत मार्च 2018 के अंत तक 7.8 प्रतिशत और मार्च 2019 के अंत तक 8.6 प्रतिशत इक्विटी पूंजी हासिल करने में कामयाब रहेगा। मूडीज ने कहा है, "बैंक ने जो पूंजी जुटाई है उससे पूंजी के लिए उसकी सरकार पर निर्भरता भी कम होगी और यदि सरकार से उसे कोई राशि प्राप्त भी होती है तो उसका पूंजी आधार और मजबूत होगा।"
एजेंसी ने कहा है कि 2016-17 की स्थिति को देखते हुए स्टेट बैंक की जोखिम भार वाली संपित्तयां 2017-18 और 2018-19 में बढ़कर 15 प्रतिशत तक पहुंच जाएंगी। मूडीज ने कहा है, "वृद्वि के हमारे अनुमानों और इस आशंका को देखते हुए कि बैंक के मुनाफे पर ऋण लागत का ज्यादा असर होगा हमें इस निष्कर्ष तक पहुंचाती है कि मार्च 2018 के अंत तक बैंक की टीयर-एक इक्विटी अनुपात करीब 10.1 प्रतिशत और मार्च 2019 के अंत तक 9.5 प्रतिशत तक रहेगा।