Edited By ,Updated: 14 Feb, 2016 02:37 PM
मोदी सरकार के तीसरे रेल बजट में यात्रियों की सुविधा का ख्याल रखते हुए सुधारों की पटरी पर ही आगे बढ़ाने तथा यात्री
नई दिल्लीः मोदी सरकार के तीसरे रेल बजट में यात्रियों की सुविधा का ख्याल रखते हुए सुधारों की पटरी पर ही आगे बढ़ाने तथा यात्री किरायों में वृद्धि से बचते हुए मालवहन, पार्सल, विज्ञापन और खानपान व्यवस्था की नई नीतियों के माध्यम से राजस्व बढाने पर ध्यान दिए जाने की संभावना है।
रेलवे के सूत्रों के अनुसार इस बार के रेल बजट में दोहरीकरण, तिहरीकरण, विद्युतीकरण, सिंगनल एवं संचार आधुनिकीकरण जैसी क्षमता वृद्धि की नई योजनाओं की घोषाणाओं के साथ मोबाइल के जरिए संपूर्ण भारत के अनारक्षित टिकट की सुविधा एवं अन्य आईटी सेवाओं का विस्तार किए जाने की संभावना है।
रेलवे परिचालन के पूर्ण कंप्यूटरीकरण का अगले चरण में विस्तार करते हुए मालगाड़ियों को मुख्य मार्गों की बजाय वैकल्पिक मार्ग से भेजे जाने की नई प्रणाली की घोषित किए जाने की उम्मीद है। प्रमुख रेल मार्गों पर तकनीकी उन्नयन करके उस पर गाड़ियों की रफ्तार में 10 किलोमीटर प्रति घंटा तक की वृद्धि की जा सकती है।
सूत्रों ने बताया कि रेलवे की महत्वाकांक्षी क्षमता विस्तार योजनाओं के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम के डेढ़ लाख करोड़ रुपए के निवेश की तर्ज पर विश्व बैंक एवं कुछ अन्य अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से निवेश के प्रस्ताव का उल्लेख भी बजट में किया जा सकता है। अगले वित्त वर्ष में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के क्रियान्वयन से रेलवे पर पडऩे वाले 32 हजार करोड़ रुपए के भार के बावजूद यात्री किराया बढ़ाने जाने की संभावना नहीं है। हाल ही में रेलवे में रद्दीकरण नियमों एवं शुल्कों में बदलाव, बच्चों के लिए पूरी बर्थ का पूरा शुल्क लेने जैसे कई कदमों से राजस्व बढ़ाने के प्रबंध किए हैं।