रेलवे की 5 करोड़ पेड़ लगाने की योजना, सवा करोड़ पौधे लगाए: प्रभु

Edited By ,Updated: 05 Apr, 2017 02:30 PM

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रेलवे ने पर्यावरण में सुधार लाने की अपनी वचनबद्धता के अनुरूप 2019-20 तक...

नई दिल्ली: रेलवे ने पर्यावरण में सुधार लाने की अपनी वचनबद्धता के अनुरूप 2019-20 तक 5 करोड़ पौधे लगाने की योजना बनाई है और अब तक सवा करोड़ पौधे रोपे जा चुके हैं। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज लोकसभा में लखन लाल साहू के प्रश्न के उत्तर में बताया कि पर्यावरण में सुधार लाने और स्थाई विकास के प्रति रेलवे की वचनबद्धता के अनुरूप रेलवे ने रेल मार्गों के साथ-साथ रेलवे भूमि पर 2019-20 तक पांच करोड़ पौधे लगाने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्यों के वन विभागों के साथ समझौते किए गए हैं।

सवा करोड़ पौधे लगाए गए
प्रभु ने कहा कि पिछले साल 5 करोड़ पौधे लगाने का यह लक्ष्य तय किया गया था और अब तक सवा करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि पौधरोपण के बाद उनके अस्तित्व में बने रहने के लिए भी ध्यान देना जरूरी है और इस बाबत विस्तृत योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि सभी सांसदों को अपने अपने क्षेत्रों में इस अभियान को मजबूती से आगे बढ़ाने के लिए सहयोग देना होगा। उनके मुताबिक रेल मंत्रालय ने पिछले साल जनवरी में पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्रालय के परामर्श से राज्यों के वन विभागों के पक्ष में भूमि पर पौधरोपण के लिए क्षेत्रीय रेलवे मंडलों और संबंधित राज्य के वन विभागों के बीच किए जाने वाले एक मॉडल करार को अंतिम रूप दिया है। रेल मंत्री ने बताया कि इस करार के अनुसार रेल भूमि पर रेल पटरियों के साथ-साथ ऐसी भूमि को सुरक्षित वन घोषित किए बिना वन विभाग द्वारा पौधरोपण किया जा सकता है और इसका रेलवे की परियोजनाओं के लिए बिना किसी बाधा के किसी भी समय रेलवे द्वारा उपयोग किया जा सकता है।

ये वृक्ष लगाए जाएंगे
रेल मंत्री ने कहा कि हरियाणा, पंजाब, असम और कर्नाटक के राज्य विन विभागों के साथ इस करार को अंतिम रूप दिया जा चुका है। इस योजना के तहत टीक, पीपल, नीम, बरगद, बबूल और कदम जैसे पर्यावरण संरक्षण करने वाले वृक्ष लगाए जाएंगे। रेलवे ने अपने अनुपयोगी 1560 जलाशयों को चिहिनत किया और इनमें से 1527 को उपयोग लायक बनाया। इस प्रयास के तहत रेलवे ने हैदराबाद में 200 साल पुराने सालारजंग कुएं को पुन: उपयोग लायक बनाया जिससे प्रतिदिन औसतन ढाई लाख लीटर जल मिल रहा है।

योजना के तहत विकसित किए जा रहे हैं स्टेशन
प्रभु ने बताया कि देश में ‘आदर्श स्टेशन’ योजना के अंतर्गत 1253 रेलवे स्टेशनों की पहचान की गई है जिनमें से 1022 स्टेशन पहले ही विकसित किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम लिमिटेड (आई.आर.एस.डी.सी.) के अथक प्रयासों के कारण हबीबगंज रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास पी.पी.पी. मॉडल के आधार पर किया जा चुका है जो ऐसा पहला स्टेशन है। प्रभु ने बताया कि आगे सूरत और गांधीनगर (गुजरात), आनंद विहार और बिजवासन (दिल्ली) आदि का पुनर्विकास किया जाएगा।

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