Edited By ,Updated: 25 Feb, 2017 01:39 PM
ऑनलाइन रेल टिकट पर सरचार्ज हटाने के फैसले पर रेलवे बोर्ड दोबारा विचार कर सकता है। हालांकि इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है लेकिन रेलवे इस बात पर विचार कर रहा है कि सरचार्ज हटाने से अगले वित्तीय साल में
नई दिल्लीः ऑनलाइन रेल टिकट पर सरचार्ज हटाने के फैसले पर रेलवे बोर्ड दोबारा विचार कर सकता है। हालांकि इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है लेकिन रेलवे इस बात पर विचार कर रहा है कि सरचार्ज हटाने से अगले वित्तीय साल में होने वाले नुकसान की किस तरह से भरपाई की जाए। इसकी एक वजह यह भी है कि सरचार्ज के रूप में ही रेलवे की कंपनी आई.आर.सी.टी.सी. को सालाना लगभग साढ़े 500 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। रेलवे आई.आर.सी.टी.सी. को ही मार्कीट में लिस्ट भी कराना चाहती है। ऐसे में आई.आर.सी.टी.सी. को होने वाले इस नुकसान की भरपाई पर रेलवे को विचार करना पड़ रहा है।
सूत्रों का कहना है कि सरचार्ज हटाने के बारे में बजट स्पीच में ऐलान किया गया था। रेलवे का इरादा है कि नोटबंदी के बाद ज्यादा से ज्यादा लोगों को ऑनलाइन रेल टिकट लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। उसी कवायद के तहत ही यह ऐलान किया गया। सूत्रों का कहना है कि रेलवे की सोच थी कि यह सरचार्ज मार्च तक ही हटाया जाए लेकिन मार्च तक का जिक्र नहीं किया गया। ऐसे में अब रेलवे इस बात पर विचार कर रहा है कि मार्च के बाद सरचार्ज फिर से लगा दिया जाए या फिर सरचार्ज हटने से होने वाले नुकसान के लिए कोई दूसरे विकल्प सोचे जाएं।
रेलवे बोर्ड के सूत्रों का कहना है कि कुछ अधिकारी इस पक्ष में भी हैं कि आई.आर.सी.टी.सी. की ऑनलाइन टिकट वाली वैबसाइट पर भारी हिट्स मिलते हैं, उसे भुनाने के लिए आई.आर.सी.टी.सी. को पहले ही कदम उठाने चाहिए थे। ऐसी राय रखने वाले अधिकारियों का मानना है कि सरचार्ज वापस लगाने की बजाय आई.आर.सी.टी.सी. से कहा जाए कि वह खुद आमदनी के दूसरे रास्तों को खोजे।