Edited By ,Updated: 25 Mar, 2017 10:41 AM
एक उपभोक्ता अदालत ने पश्चिमी रेलवे को आदेश दिया है कि वह उस मलयाली परिवार को हवाई सफर का किराया दे जिसकी रेल...
अहमदाबाद: एक उपभोक्ता अदालत ने पश्चिमी रेलवे को आदेश दिया है कि वह उस मलयाली परिवार को हवाई सफर का किराया दे जिसकी रेल प्रशासन की गलती की वजह से ट्रेन छूट गई थी।
यह था मामला
गुजरात के आनंद में रह रहे ई.एस. कृष्णाकुत्ती नायर 2014 में केरल में एक शादी समारोह में जा रहे थे। आनंद रेलवे स्टेशन पर डिस्प्ले बोर्ड पर उनके कोच की लोकेशन के बारे में गलत जानकारी दी गई। इस वजह से उनकी ट्रेन छूट गई। आखिरकार नायर परिवार को हवाई सफर के लिए मजबूर होना पड़ा। नायर परिवार ने वेरावल-त्रिवेंद्रम एक्सप्रैस में 29 मई, 2014 के लिए ए.सी. कोच में 4 सीटें रिजर्व की थीं।
डिस्प्ले बोर्ड पर दिखा कि उनका कोच एकदम पीछे की तरफ है लेकिन जब ट्रेन आई तो पता चला कि कोच पीछे न होकर काफी आगे था। डिस्प्ले बोर्ड पर गलत सूचना की वजह से अफरा-तफरी का माहौल हो गया। आनंद रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के रुकने का आधिकारिक समय 2 मिनट का था और इतने कम समय में 12 कोचों को क्रॉस कर ट्रेन में सवार होना काफी कठिन था। परिवार के पुरुष सदस्य तो किसी तरह ट्रेन में सवार हो गए लेकिन बुजुर्ग महिलाएं नहीं चढ़ पाईं।
ट्रेन में सवार होने के बाद नायर ने अलार्म चेन खींची ताकि महिलाएं ट्रेन में सवार हो सकें लेकिन तुरंत ही आर.पी.एफ. ने उन्हें पकड़ लिया और लॉकअप में डाल दिया। आर.पी.एफ. जवानों ने उनकी एक नहीं सुनी और आखिरकार परिवार की ट्रेन छूट गई। अंत में परिवार किसी तरह फ्लाइट से केरल पहुंचा। इसके बाद ई.एस. कृष्णाकुत्ती नायर ने उपभोक्ता अदालत का दरवाजा खटखटाया।
यह दिया उपभोक्ता अदालत ने फैसला
उपभोक्ता अदालत ने पश्चिमी रेलवे को 32,628 रुपए हवाई किराया चुकाने का आदेश दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने रेलवे को आनंद से अहमदाबाद एयरपोर्ट के लिए टैक्सी किराए के तौर पर नायर परिवार को 1000 रुपए और अदा करने का आदेश दिया है। अदालत ने परिवार के उत्पीड़न व कानूनी लड़ाई में हुए खर्च को देखते हुए पश्चिमी रेलवे को 10 हजार रुपए का मुआवजा देने का भी आदेश दिया है।