Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Jun, 2017 11:21 AM
राज्य उपभोक्ता आयोग ने भारतीय रेलवे से एक व्यक्ति को 75,000 रुपए का मुआवजा अदा करने को कहा है जिसकी आरक्षित सीट पर लगभग पूरी यात्रा में अनधिकृत तरीके से कुछ लोगों ने कब्जा रखा।
नई दिल्लीः राज्य उपभोक्ता आयोग ने भारतीय रेलवे से एक व्यक्ति को 75,000 रुपए का मुआवजा अदा करने को कहा है जिसकी आरक्षित सीट पर लगभग पूरी यात्रा में अनधिकृत तरीके से कुछ लोगों ने कब्जा रखा। दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने जिला फोरम के आदेश को बरकरार रखा है जिसने रेलवे से एक-तिहाई मुआवजा टिकट निरीक्षक के वेतन से काटने को कहा था जो फरियादी यात्री को उसकी आरक्षित सीट नहीं दिला सके।
आयोग की अध्यक्ष न्यायमूॢत वीना बीरबल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि जिला फोरम ने 75,000 रुपए का मुआवजा दिए जाने का आदेश दिया है, वह तर्कसंगत और उचित है। मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए यह देने का आदेश दिया गया।
हालांकि आयोग ने दिल्ली निवासी वी. विजय कुमार को दिया जाने वाला मुआवजा बढ़ाने से इंकार कर दिया। कुमार ने अपनी शिकायत में कहा था कि जब वह 30 मार्च, 2013 को विशाखापट्टनम से दक्षिण एक्सप्रैस में सवार होकर नई दिल्ली आ रहे थे तो किसी और ने उनकी आरक्षित सीट पर कब्जा कर लिया। घुटने के दर्द से परेशान होने की बात कहने वाले कुमार ने नीचे की बर्थ बुक करवाई थी। कुमार का आरोप है कि मध्य प्रदेश के बीना में कुछ अज्ञात लोग बोगी में आ गए और उनकी सीट पर काबिज हो गए। आरोप है कि अनधिकृत यात्रियों ने हंगामा किया और उन्हें तथा सह-यात्रियों को असुविधा पहुंचाई।
कुमार ने टी.टी.ई. और अन्य रेलवे अधिकारी से शिकायत करने का प्रयास किया लेकिन कोई भी नहीं मिला।