Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Feb, 2018 05:23 PM
रिजर्व बैंक ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन तथा नोटबंदी से प्रभावित हुए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (MSME) के लिए आज राहतों की घोषणा की। आर.बी.आई. ने एमएसएमई को बैंकों का बकाया भुगतान के लिए अतिरिक्त 180 दिन दिये। आर.बी.आई. के डिप्टी...
मुंबईः रिजर्व बैंक ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन तथा नोटबंदी से प्रभावित हुए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (MSME) के लिए आज राहतों की घोषणा की। आर.बी.आई. ने एमएसएमई को बैंकों का बकाया भुगतान के लिए अतिरिक्त 180 दिन दिये। आर.बी.आई. के डिप्टी गर्वनर एन.एस.विश्वनाथन ने कहा कि जी.एस.टी. के तहत पंजीयन के जरिए कारोबार को औपचारिक रूप देने से परिवर्तन के दौर में छोटी इकाइयों के नकदी प्रवाह पर प्रतिकूल असर पड़ा । इससे बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों का पैसा चुकाने में उन्हें कठिनाइयां हुईं।
उन्होंने कहा कि नए वातावरण में एम.एस.एम.ई. इकायों की मदद के लिए उन इकाइयों के 25 करोड़ रुपए तक के रिण को 31 जनवरी 2018 के बाद 180 दिन तक सही रिण खातों की श्रेणी में बरकार रखा जाएगा पर इसको लिए शर्त है कि इकाई जी.एस.टी. में पंजीकृत हो तथा 31 अगस्त 2017 तक वह किस्तों को समय से चुकाती आई हो। ऐसे में छूट की अवधि के दौरान बैंकों एवं वित्तीय कंपनियों को ऐसे ऋणों को छूट की अवधि में अवरुद्ध रिण संबंधी प्रावधान नहीं करना पड़ेगा।
आर.बी.आई. ने सेवा क्षेत्र के एम.एस.एम.ई. के लिए प्राथमिक क्षेत्र के तहत कर्ज की अधिकतम 5 करोड़ रूपए और 10 करोड़ रूपए की सीमा भी हटा दी है। केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘‘विभिन्न हितधारकों से प्राप्त सुझाव तथा हमारी अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र के बढ़ते महत्व के कारण रिजर्व बैंक ने एम.एस.एम.ई. के ऋण की पांच करोड़ रुपए और 10 करोड़ रुपए की सीमा खत्म कर दी है।’’