Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Oct, 2017 01:02 PM
ये तो आप सभी जानते होंगे कि भारतीय बैंकों में जमा नोटों को रैगुलेट करने का काम करता है आरबीआई लेकिन आपको ये जानकर हैरत जरूर होगी कि आरबीआई बैंकों के पास खुद नए नोटों को जारी करने के अधिकार नहीं है। पिछले साल नवंबर में पीएम मोदी के नोटबंदी के आदेश...
नई दिल्लीः ये तो आप सभी जानते होंगे कि भारतीय बैंकों में जमा नोटों को रैगुलेट करने का काम करता है आरबीआई लेकिन आपको ये जानकर हैरत जरूर होगी कि आरबीआई बैंकों के पास खुद नए नोटों को जारी करने के अधिकार नहीं है। पिछले साल नवंबर में पीएम मोदी के नोटबंदी के आदेश के दौरान आरबीआई ने ही इस फैसले पर मुहर लगाई थी, लेकिन इससे बुरी स्थिति आखिर क्या हो सकती है कि जो आरबीआई पूरी तरह से पुराने नोटों को बंद कर, नए नोट छपवाने का आदेश देता है, उसके पास खुद ही नोट छपवाने के आदेश नहीं हैं। इस बात का खुलासा एक आरटीआई के तहत हुआ है।
दरअसल, आरटीआई राइट टू इंफॉर्मेशन के उपलब्ध डॉक्यृूमेंट्स में इस बात का खुलासा हुआ है कि आरबीआई के पास कोई सरकारी रिकॉर्ड नहीं है, जो साबित कर सके कि नोटबंदी के बाद 2000 और 200 के नोट जारी करने का अधिकार उसे दिया गया था। इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार जब आरटीआई के तहत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से इस बारे में बात की गई तो पता चला कि देश के सेंट्रल बैंक ने प्रत्यक्ष तौर पर कोई सरकारी डॉक्यूमेंट नहीं छपवाया या 2000 के नए नोट और 200 के नए नोट को छपवाने का न ही कोई सर्कुलर जारी या प्रकाशित किया। बता दें कि ये आरटीआई मुंबई के एक्टिविस्ट एमएस रॉय ने लगाई थी।
1993 में पेश हुआ था प्रपोजल
19 मई 2016 का एक दस्तावेज है, जिससे पता चलता है कि 18 मई 2016 को एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर की तरफ से पेश किए गए एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। ये प्रस्ताव भारतीय बैंक के नए नोटों, डिजाइनों , आयामों और मूल्यों से संबंधित था। इस प्रस्ताव को आरबीआई के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की तरफ से स्वीकृति दे दी गई थी। इससे पहले ये प्रपोजल 1993 में भी पेश किया गया था, जिसमें 10, 20, 50, 100 और 500 के नोटों का साइज छोटा कर नए नोट रिलीज करने की बात कही गई थी।
पुराने प्रस्ताव को दी थी मंजूरी।
आरबीआई के मुंबई के केंद्रीय कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक 15 जुलाई 1993 को निर्देशक मंडल की एक बैठक में इस पुराने प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। जिसमें मुद्रा प्रबंधन विभाग के मुख्य अधिकारी एपी अययर ने साइन किए थे। बता दें कि इससे पहले रॉय ने 27 फरवरी 2017 को एक अलग आरटीआई में महात्मा गांधी की तस्वीरों के बारे में दस्तावेज मांगे थे, जिन्हें 1 रूपए के नोट पर मुद्रित नहीं किया जा रहा है, लेकिन 5 रूपए से लेकर 2 हजार रूपए तक के सभी नोटों पर मुद्रित किया जा रहा है।