Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Feb, 2018 09:54 AM
पंजाब नैशनल बैंक (पी.एन.बी.) में 114 अरब का घोटाला सामने आने के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आर.बी.आई.) ने बैंक पर गाज गिराते हुए कहा है कि सारी देनदारी की उसे ही भरपाई करनी होगी। अगर पी.एन.बी. ने अन्य बैंकों को इतने बड़े घोटाले की भरपाई नहीं की तो...
नई दिल्लीः पंजाब नैशनल बैंक (पी.एन.बी.) में 114 अरब का घोटाला सामने आने के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आर.बी.आई.) ने बैंक पर गाज गिराते हुए कहा है कि सारी देनदारी की उसे ही भरपाई करनी होगी। अगर पी.एन.बी. ने अन्य बैंकों को इतने बड़े घोटाले की भरपाई नहीं की तो फिर बैंकिंग सैक्टर को काफी नुक्सान उठाना पड़ेगा। वहीं सरकारी अधिकारियों ने दावा किया है कि इस घोटाले की राशि 20,000 करोड़ रुपए तक हो सकती है तथा इस मामले में कई बैंकों की संलिप्तता हो सकती है।
भारत सरकार कर रही है मामले की निगरानी
वहीं पी.एन.बी. के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील मेहता ने इस घोटाले के खुलासे के बाद पहली बार मीडिया से बात की। उन्होंने दावा किया कि सबसे पहले पी.एन.बी. प्रबंधन ने ही इस घोटाले की जानकारी जांच एजैंसियों को दी जो वर्ष 2011 से चल रहा था। मेहता ने कहा कि गत 3 जनवरी को यह जानकारी मिली कि मुम्बई स्थिति एक शाखा के 2 कर्मचारी अवैध लेन-देन कर रहे हैं। कर्मचारियों के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज कराया गया है। उन्होंने कहा कि अभी भारत सरकार इस मामले की निगरानी कर रही है और अपराधियों को पकड़ने में पूरी मदद की जा रही है। मेहता ने कहा कि इस घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी पैसे लौटाने की अस्पष्ट पेशकश की थी। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक शाखा मामला है। उनका बैंक इससे बाहर निकलने में सक्षम है। इसी के मद्देनजर मामला दर्ज कराया गया है। संलिप्त समूहों के यहां छापेमारी की जा रही है और कागजात जब्त किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे प्रभावित सभी बैंकों के वित्तीय हित सुरक्षित रहेंगे।
PNB ने मांगी सरकार से मदद
पी.एन.बी. ने इस संकट से उबरने के लिए सरकार से मदद मांगी है। पी.एन.बी. के पास इतनी रकम नहीं है कि वह बैंकों को इतनी बड़ी भरपाई कर सके। इस मामले से जुड़े 2 अधिकारियों ने बताया कि अगर पी.एन.बी. अन्य बैंकों को नुक्सान की वापसी नहीं करता तो फिर सभी 30 बैंकों को काफी बड़ा नुक्सान होगा। इससे वित्तीय मार्कीट में असंतुलन भी बढऩे की उम्मीद है। पी.एन.बी. घोटाला देश के बैंकिंग इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस घोटाले को बाहरी लोगों ने नहीं बल्कि बैंकों के कर्मचारियों ने ही अंजाम दिया है।
कैसे चल रहा था धोखाधड़ी का खेल
धोखाधड़ी का यह खेल लैटर ऑफ अंडरटेकिंग (एल.ओ.यू.) की आड़ में चल रहा था। इसके तहत एक बैंक की गारंटी पर दूसरे बैंक पेमैंट कर रहे थे। इस घोटाले में पंजाब नैशनल बैंक के अलावा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और एक्सिस बैंक के नाम भी सामने आ रहे हैं। हालांकि इन बैंकों का कहना है कि वे पी.एन.बी. के लैटर ऑफ अंडरटेकिंग के आधार पर यह पेमैंट कर रहे थे।