Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Mar, 2018 07:14 PM
पंजाब नैशनल बैंक (पी.एन.बी.) में हुए 11,400 करोड़ रुपए के घोटाले के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) ने बड़ी कार्रवाई की है। आर.बी.आई. ने देश के सभी बैंकों पर आयात के लिए लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एल.ओ.यू.) जारी करने पर रोक लगा दी है।
नई दिल्लीः पंजाब नैशनल बैंक (पी.एन.बी.) में हुए 11,400 करोड़ रुपए के घोटाले के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) ने बड़ी कार्रवाई की है। आर.बी.आई. ने देश के सभी बैंकों पर आयात के लिए लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एल.ओ.यू.) जारी करने पर रोक लगा दी है। इसके अलावा लेटर ऑफ क्रेडिट और बैंक गारंटी भी कुछ शर्तों के साथ ही दी जा सकेगी। जानकारों के अनुसार रिजर्व बैंक के इस कदम से कई कारोबारियों को दिक्कत हो सकती है। ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी के चेयरमैन नितिन खंडेलवाल के मुताबिक बैंक के इस कदम से छोटे ज्वैलरों पर असर होगा।
क्या है एल.ओ.यू.?
लेटर ऑफ अंडरटेकिंग एक तरह की बैंक गारंटी होती है जो ओवरसीज इंपोर्ट पेमेंट के लिए जारी की जाती है। सीधे शब्दों में इसका अर्थ होता है कि अगर लोन लेने वाला (नीरव मोदी) इस लोन को नहीं चुकाता है तो बैंक पूरी रकम ब्याज समेत बिना शर्त चुकाता है। बैंक एक निश्चित समय के लिए जारी करता है। बाद में जिसको ये एल.ओ.यू. जारी किया गया उससे पूरा पैसा वसूला जाता है। एल.ओ.यू. को आधार बनाकर नीरव मोदी ने विदेश में दूसरी बैंकों की ब्रांच से पैसा लिया।
इस तरह पकड़ में आया PNB घोटाला
पी.एन.बी. के अधिकारियों ने सबसे पहले नीरव मोदी को 800 करोड़ की रकम का एल.ओ.यू. जारी किया। जब मोदी उसको नहीं चुका पाया तो बैंक ने पैसा वसूलने के बजाय नीरव मोदी को और एल.ओ.यू. जारी कर दिए। इन एल.ओ.यू. को आधार बनाकर नीरव मोदी ने नया लोन ले लिया। ये फर्जीवाड़ा जनवरी तक चलता रहा। जनवरी में जब इन एल.ओ.यू. की मैच्युरिटी पूरी हो गई तो दूसरे बैंकों ने पी.एन.बी. से लोन के रिपेमेंट की मांग की। यहां तक कि रिपोर्ट के मुताबिक 16 जनवरी 2018 को भी इस तरह एल.ओ.यू. मोदी की कंपनी के नाम पर जारी हुआ। जब बैंक के कर्मचारी ने नीरव मोदी की कंपनी से एल.ओ.यू. के लिए 100 फीसदी कैश मार्जिन जमा करने के लिए कहा तो कंपनी ने कहा कि उसने पहले भी इस तरह से लोन लिया है। इसके बाद जब बैंक ने अंदरुनी जांच की तो पता चला कि नीरव मोदी की कंपनी को फर्जी एल.ओ.यू. जारी किए गए थे। इसके बाद पी.एन.बी. ने जनवरी के आखिरी सप्ताह में सी.बी.आई. में इसकी शिकायत दर्ज करवाई।