Edited By ,Updated: 07 Oct, 2016 04:29 PM
भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) द्वारा रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती के बाद देश के सबसे बड़े कर्जदाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एस.बी.आई.) ने आज कहा कि इस कमी का उसकी ऋण ब्याज दरों पर एक नवंबर से असर पड़ सकता है।
इंदौर: भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) द्वारा रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती के बाद देश के सबसे बड़े कर्जदाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एस.बी.आई.) ने आज कहा कि इस कमी का उसकी ऋण ब्याज दरों पर एक नवंबर से असर पड़ सकता है। एस.बी.आई. के राष्ट्रीय बैंकिंग समूह के प्रबंध निदेशक रजनीश कुमार ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे लगता है कि आर.बी.आई. के रेपो दर में कटौती करने केे कदम का हमारी ऋण ब्याज दरों पर कुछ असर तो जरूर पड़ेगा। हमारी परिसंपत्ति उत्तरदायित्व प्रबंधन समिति (एल्को) की आगामी बैठक में जमा योजनाओं पर ब्याज दर कम करने पर भी विचार किया जाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘अगर हमारी जमा योजनाओं पर ब्याज दर कम करने की संभावना बनी, तो घर, कार और अन्य चीजों के लिए हमसे कर्ज लेने वाले ग्राहकों को ऋण ब्याज दरों के मामले में एक नवंबर से कुछ फायदा हो सकता है।’
कुमार ने कहा, ‘ऋण ब्याज दर तभी घटायी जा सकती है, जब हम जमाकर्ताओं को कम ब्याज दें। हमें कर्ज लेने वालों और जमाकर्ताओं, दोनों किस्म के ग्राहकों का ख्याल रखना पड़ता है।’ उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत कर्ज, आवास ऋण और कार ऋण बांटने के मामले में एस.बी.आई. की वृद्धि दर अच्छी है। हालांकि, कॉर्पोरेट को कर्ज वितरण की दर मंद बनी हुई है।
एस.बी.आई. के आला अधिकारी ने हालांकि कहा, ‘इस बात के संकेत हैं कि देश में आने वाले व्यस्त मौसम में कर्ज की मांग बढ़ेगी और निवेश का पहिया तेजी से घूमेगा। नतीजतन ऋण वृद्धि में उछाल दर्ज किया जाएगा।’ कुमार ने कहा कि एस.बी.आई. द्वारा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एम.एस.एम.ई.) को बांटे जाने वाले कर्ज में मौजूदा वित्तीय वर्ष में 15 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है। इसके साथ ही, बैंक ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत छोटी इकाइयों को 16,700 करोड़ रुपए का कर्ज बांटने का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम तय किया है।