Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Feb, 2018 11:04 AM
वित्त मंत्रालय ने बैंकिंग प्रणाली में ऐसी चूक और कमी पर रिजर्व बैंक की राय मांगी है जिनके कारण पंजाब नेशनल बैंक में (पीएनबी) में 11,400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी जैसे मामले घटित हो जाते हैं। मंत्रालय ने ऐसी
नई दिल्लीः वित्त मंत्रालय ने बैंकिंग प्रणाली में ऐसी चूक और कमी पर रिजर्व बैंक की राय मांगी है जिनके कारण पंजाब नेशनल बैंक में (पीएनबी) में 11,400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी जैसे मामले घटित हो जाते हैं। मंत्रालय ने ऐसी वारदात को दोबारा न होने देने के उपाय भी सुझाने को कहा है।
वित्तीय सेवा विभाग ने रिजर्व बैंक को पत्र लिखकर व्यवस्था में खामी के बारे में बताने को कहा है जिससे सात साल तक धोखाधड़ी का पता नहीं लग पाया। पत्र में नियामक से प्रणाली तथा प्रक्रिया के बारे में सुझाव भी मांगे गये हैं जिसको अद्यतन करने की जरूरत है ताकि इस प्रकार की धोखाधड़ी पर लगाम लगाया जा सके।
इसके अलावा, मंत्रालय ने उस धोखाधड़ी को पकड़ पाने आडिटरों की विफलता के बारे में रिजर्व बैंक के विचार मांगे हैं जो 2011 से जारी थी। देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक पीएनबी में 11,400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। इस मामले में अरबपति जौहरी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की कंपनियों ने कथित तौर पर धोखाधड़ी कर गारंटी पत्र (लेटर आफ अंडरटेकिंग) का दुरूपयोग किया।