Edited By ,Updated: 22 May, 2017 04:35 PM
भारतीय रिजर्व बैंक एन.पी.ए. पर अध्यादेश को परिचालन में लाने के लिए एक पखवाड़े में दिशानिर्देश ...
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक एन.पी.ए. पर अध्यादेश को परिचालन में लाने के लिए एक पखवाड़े में दिशानिर्देश जारी करेगा, जिससे डूबे कर्ज की वसूली की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके। बैंकोंं की गैर निष्पादित आस्तियां (एन.पी.ए.) आठ लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गई हैं। सूत्रों ने बताया कि इसकी रूपरेखा में एन.पी.ए. से संबंधित मुद्दों की पहचान के लिए एक अलग प्रकोष्ठ के गठन की व्यवस्था होगी। साथ ही इसमें निपटान प्रक्रिया के लिए एक निश्चित समयसीमा का प्रावधान भी होगा। यह समयसीमा 60 से 90 दिन की हो सकती है।
रिजर्व बैंक एक विशेष प्रकोष्ठ के गठन पर भी विचार कर रहा है, जो किसी कंपनी के पुनरोद्धार या अधिग्रहण से संबंधित मामलों की पहचान करेगा। इसके अलावा वह किसी बैंक को कोई मामला दिवाला एवं शोधन के लिए भेजने के लिए भी कह सकता है। सरकार द्वारा रिजर्व बैंक को बैंकों को दिवाला एवं शोधन की प्रक्रिया शुरू करने का अधिकार दिए जाने के बाद केंद्रीय बैंक ने एन.पी.ए. निपटान के लिए करीब 50 मामलों की पहचान की है। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ऐसे मामले जिनकी संयुक्त ऋणदाता मंच (जे.एल.एफ.) द्वारा समीक्षा की जा चुकी है, लेकिन उन पर निष्कर्ष नहीं निकला है, ऐसे मामलों को रिजर्व बैंक उठाएगा और बैंकों को निपटान के लिए कहेगा।’’ सूत्रों ने बताया कि पहले चरण में भूषण स्टील और जी.वी.के. पावर जैसे 10 से 12 मामलों को लिया जा सकता है।