Edited By ,Updated: 14 Mar, 2017 11:50 AM
सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को रफ्तार देने के लिए रिजर्व बैंक जल्द ही यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के..
नई दिल्लीः सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को रफ्तार देने के लिए रिजर्व बैंक जल्द ही यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए डिजिटल वॉलेट्स को एक साथ जोड़ देगा। इसका मतलब यह होगा कि अगर पेटीएम चला रहे हैं तो आप पेमेंट किसी दूसरे डिजिटल वॉलेट में भी कर सकते हैं। आरबीआई जल्द ही डिजिटल वॉलेट्स में ट्रांसफर और केवाईसी नियमों के लिए गाइडलाइन्स लाने वाला है।
सूत्रों के अनुसार आरबीआई यह भी तय करेगा कि यूपीआई फ्रेमवर्क के जरिए डिजिटल वॉलेट्स में ट्रांसफर पर कितनी फीस लगानी होगी। एक सूत्र ने बताया, 'यूपीआई फ्रेमवर्क शुरू करना और डिजिटल वॉलेट्स में लेन-देन संभव बनाने की ओर आरबीआई गंभीरता से विचार कर रहा है और यह 2-3 महीनों में ऐक्टिव किया जा सकता है।' अभी डिजिटल वॉलेट्स यूपीआई नैटवर्क को पार्टनर बैंकों के जरिए लेन-देन के लिए उपयोग कर सकते हैं। यूपीआई के जरिए सीधे लेन-देन का प्लैटफॉर्म मिलने का मतलब यह होगा कि मोबिक्विक चलाने वाला व्यक्ति पेटीएम या फ्रीचार्ज यूज करने वाले मर्चेंट को भी भुगतान कर सकेगा। इससे इन मोबाइल वॉलेट्स की उपयोगिता और बढ़ सकेगी।
आरबीआई के डाटा के मुताबिक, यूपीआई नैटवर्क से फरवरी महीने में 1900 करोड़ रुपए के 42 लाख ट्रांजैक्शंस हुए हैं। डिजिटल वॉलेट्स की बात करें तो 8350 करोड़ रुपए के 2.6 करोड़ ट्रांजैक्शंस जनवरी में हुए हैं।