Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Jun, 2017 09:45 AM
घाटे में चल रही विमानन कंपनी एयर इंडिया के निजीकरण की चिंता इसके...
नई दिल्ली: घाटे में चल रही विमानन कंपनी एयर इंडिया के निजीकरण की चिंता इसके कर्मचारियों को सताने लगी है। लंबे समय से एयर इंडिया में काम कर रहे कर्मी दुविधा में है।
कंपनी को बचाने के लिए आगे आए कर्मचारी
घाटे से उबारने के लिए गत दिनों सरकार द्वारा एयरलाइंस के निजीकरण या अन्य उपाय किए जाने की बात कही थी। इसके बाद कुछ कर्मचारी इसकी स्थिति सुधारने के लिए आगे आए हैं। कर्मियों ने अपने खर्च की कटौती कर तनख्वाह के रुपए या यात्रा भत्ते की राशि का त्याग करने संबंधी पत्र एयर इंडिया के सी.एम.डी. अश्वनी लोहानी को लिखे हैं।
छोटी सी मदद से मिलेगी खुशी
एक महिला कर्मी ने अपने दो साल का यात्रा भत्ता एयर इंडिया को देने की बात कही है, जो दो लाख रुपए है। कर्मियों का कहना है कि उनकी छोटी सी मदद से यदि एयर इंडिया का भविष्य सुरक्षित रहता है, तो यह उनके लिए खुशी की बात होगी। पत्रों को अधिकारी भी प्रशंसा की नजरों से देख रहे हैं।
7 यूनियनों ने बड़े विरोध की चेतावनी दी
दूसरी ओर एयर इंडिया की सात कर्मचारी यूनियनों ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि यदि नीति आयोग के एयर इंडिया के निजीकरण के प्रस्ताव को अनुमति दी जाती है तो वे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू को 14 जून को लिखे एक पत्र में यूनियनों ने उनसे एयर इंडिया के भविष्य को लेकर अपनी चिंताओं के बारे में बातचीत करने के लिए मिलने का समय मांगा है। उन्होंने सरकार की शीर्ष नीति निर्माता इकाई की इस एकतरफा और मनमानी सिफारिश का विरोध करते हुए कहा कि आयोग निजी क्षेत्र के प्रवक्तो की भाषा बोल रहा है।