यदि सरकार दे तो मिड-डे मील में मोटे अनाज शामिल करने को तैयारः अक्षयपात्र

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Feb, 2018 04:24 PM

ready to serve millets in midday meal if govt supplies

गैर-सरकारी स्वयंसेवी संगठन अक्षयपात्र फाउंडेशन ने आज कहा कि यदि सरकार आवंटन करे तो वह मिड-डे मील कार्यक्रम के तहत मोटे अनाज परोसने के लिए तैयार है। संगठन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीधर वेंकट ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि बच्चों को पौष्टिक भोजन...

नई दिल्लीः गैर-सरकारी स्वयंसेवी संगठन अक्षयपात्र फाउंडेशन ने आज कहा कि यदि सरकार आवंटन करे तो वह मिड-डे मील कार्यक्रम के तहत मोटे अनाज परोसने के लिए तैयार है। संगठन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीधर वेंकट ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि बच्चों को पौष्टिक भोजन मिलना चाहिए। इसी कारण हम कुछ राज्यों में मिड-डे मील कार्यक्रम में मोटे अनाज से बने खाद्य पदार्थ परोस रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि ज्वार, बाजरा और रागी जैसे मोटे अनाजों को मिड-डे मील में शामिल करने से प्राथमिक स्कूलों के बच्चों का पोषण बेहतर करने में मदद मिलेगी। वेंकट ने कहा कि अक्षयपात्र बेंगलुरू के स्कूलों में राज्य सरकार तथा हैदराबाद स्थित संस्थान इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फोर द सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स की भागीदारी में परीक्षण के तौर पर तीन महीनों के लिए मध्याह्न में मोटे अनाज परोस रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने इसी तरह का काम आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी किया है। यदि सरकार गेहूं और चावल के साथ मोटे अनाज भी मुहैया कराती है तो हम इसे भोजन में शामिल कर उत्साहित होंगे।’’ संगठन 12 राज्यों में स्कूलों में मिड-डे मील उपलब्ध कराती है। 
 

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