जानिए नए साल में कैसा रहेगा रियल एस्टेट मार्कीट

Edited By ,Updated: 18 Dec, 2016 01:59 PM

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नया साल रियल एस्टेट सेक्टर के लिए लंबे समय के बाद एक बार फिर बेहतरीन वर्ष साबित होने जा रहा है। रियल एस्टेट बिल लागू होने और नोटबंदी से इस सेक्टर में पारदर्शिता और कार्यकुशलता आई है।

नई दिल्लीः नया साल रियल एस्टेट सेक्टर के लिए लंबे समय के बाद एक बार फिर बेहतरीन वर्ष साबित होने जा रहा है। रियल एस्टेट बिल लागू होने और नोटबंदी से इस सेक्टर में पारदर्शिता और कार्यकुशलता आई है। इससे एक तरफ जहां घर के वास्तविक खरीदारों में विश्वास का संचार हुआ है, वहीं बायर्स की संख्या बढऩे से डेवलपर्स को भी इसका लाभ मिलना तय है। नए साल में इस सेक्टर के पूरी तरह से पटरी पर लौटने की संभावना है। सस्ते होम लोन का तोहफा भी इस सेक्टर की रफ्तार बढ़ाने में मदद करेगा। इसी तरह, हाऊसिंग फॉर ऑल, स्मार्ट सिटी और जीएसटी जैसे कई अन्य फैक्टर्स से भी इस सेक्टर को मजबूती मिलेगी। इन वजहों से नए साल को लेकर बायर्स जहां उत्साहित हैं, वहीं डेवलपर्स ने भी पुराने प्रोजेक्ट के पजेशन देने से लेकर नए प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।

नए साल में बदल जाएगी तस्वीर
रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी और मंदी का एक पूरा साइकल होता है। पिछले कुछ साल से मंदी का साइकल चल रहा है लेकिन नए साल में यह फिर से तेजी के साइकल में बदल जाएगा। ऐसा इसलिए होगा कि इस साल सरकार से लेकर डेवलपर्स तक सभी नेे सेक्टर की बेहतरी के लिए कई कदम उठाए हैं। रियल एस्टेट रेगुलेटर बिल को मंजूरी मिलने से जहां घर खरीदारों के पास ज्यादा पॉवर आ गया है, वहीं इससे वैसे डेवलपर्स के लिए खतरे की घंटी बज गई है, जो समय पर प्रोजेक्ट बना कर नहीं देते हैं। इसका फायदा इस सेक्टर को मिलेगा। रियल एस्टेट में पारदर्शिता बढ़ेगी औैर घर खरीदारों का विश्वास एक बार फिर से बहाल होगा। यह मार्केट में तेजी लौटाने का काम करेगा।

नोटबंदी का पॉजिटिव असर
मेरा मानना है कि 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करने का असर इस सेक्टर पर सकारात्मक होगा। ऐसा इसलिए है कि यह सेक्टर में कालेधन का सबसे बड़ा अड्डा माना जाता रहा है। अब इस फैसले के बाद यह कलंक मिट जाने की उम्मीद है। सरकार का यह फैसला अच्छे डेवलपर्स के साथ घर खरीदारों को भी फायदा पहुंचाएगा। घर खरीदने में पारदर्शिता बढ़ेगी और निवेेशकों का पैसा सुरक्षित रहेगा। अभी तक यह सेक्टर असंगठित रहा है। नोटबंदी के बाद इसको संगठित करने में मदद मिलेगी। नए साल में पारदर्शिता और बढ़ेगी और व्यावसायिकता भी आएगी।

हाऊसिंग फॉर ऑल औैर स्मार्ट सिटी
मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी हाऊसिंग फॉर ऑल स्कीम और 100 स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट भी इस साल इस सेक्टर में तेजी लौटाने में अहम रोल अदा करेंगे। हाउसिंग फॉर ऑल स्कीम और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में सरकार बड़ा निवेश कर रही है। करीब 2.5 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद सरकार के पास अब अपने वादों को अमली जामा पहनाने के लिए अधिक समय नहीं है। 2017 में सरकार किसी भी सूरत में इन प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू करेगी। इससे छोटे शहरों में रियल एस्टेट सेक्टर के लिए दरवाजे खुलेंंगे, जिससे इसका दायरा बढ़ेगा। और यह सुस्त पड़े इस रोजगार परक सेक्टर को पटरी पर लौटने में मदद करेगा।

सस्ते होम लोन और इनकम टैक्स छूट की लिमिट
नोटबंदी के बाद बैंकों में लिक्विडिटी बढ़ गई है। इसके चलते आने वाले महीनों में बैंक सस्ते होम लोन का तोहफा बैंकों को देंगे। थोक और खुदरा महंगाई नियंत्रित होने से उम्मीद की जा रही है कि आरबीआई नए साल में होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में 50 बेसिस प्वाइंट तक की कटौती कर सकता है। इसके बाद होम लोन और सस्ता होगा जो इस सेक्टर के लिए पॉजिटिव फैक्टर साबित होगा। वहीं, वित्त मंत्री ने नोटबंदी के बाद आयकर छूट की सीमा बढ़ाने का भी संकेत दिया है। अगर ऐसा होता है तो अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए आम लोगों के पास ज्यादा पैसे होंगे। इसका फायदा भी रियल एस्टेट सेक्टर को मिलना तय है।

जीएसटी और सस्ते घरों की खरीद पर छूट
अगले साल जीएसटी लागू होने की पूरी उम्मीद है। इसके लागू होने से इस सेक्टर पर टैक्स का बोझ कम होगा, जिसका फायदा डेवलपर्स से लेकर घर खरीदारों को होगा। वही, इस साल सरकार अगर सस्ते घर खरीदारों को टैक्स में रियायत देती है तो अफोर्डेबल हाऊसिंग की कमी पूरा करने में इससे मदद मिलेगी। इससे सस्ते घरों की मांग बढ़ेगी और बेघर लोगों को घर मिल सकेगा।

सिंगल विंडो और इंडस्ट्री का दर्जा
रियल्टी लंबे समय से सिंगल विंडो और इंडस्ट्री के दर्जे की मांग कर रही है, लेकिन अभी तक यह संभव नहीं हो पाया है, जबकि रोजगार देने के मामले में यह दूसरा सबसे बड़ा सेक्टर है। अगर सरकार नए साल में इसे सिंगल विंडो और इंडस्ट्री का दर्जा देती है तो इससे न सिर्फ इस सेक्टर पर लंबे समय से छाई धुंध हट जाएगी, बल्कि लाखों की संख्या में नए रोजगारों का भी सृजन होगा। इससे इस सेक्टर के साथ देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

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