Edited By ,Updated: 19 Jan, 2017 03:49 PM
मंदी के बाद रियल एस्टेट की हालत अभी तक दुरुस्त नहीं हो पाई है।
नई दिल्लीः मंदी के बाद रियल एस्टेट की हालत अभी तक दुरुस्त नहीं हो पाई है। पहले से ही बेहाल रियल एस्टेट को नोटबंदी ने और बेजार कर दिया है। ऐसे में रियल एस्टेट के जानकारों का मानना है कि अगर बजट में इस इंडस्ट्री के लिए कुछ असाधारण फैसले नहीं लिए गए तो मुश्किलें आगे भी बरकरार रहेंगी। डिवेलपर्स के अनुसार नोटबंदी के बाद ग्राहक की संख्या में काफी कमी आई है। रियल एस्टेट सेक्टर फिलहाल मेहनत की गाढ़ी कमाई वाले ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं।
अफोर्डबल हाउसिंग पर मिले इनसेंटिव
रियल एस्टेट के जानकारों का मानना है कि सरकार को जल्द से जल्द जीएसटी लागू करना चाहिए। बिल्डरों का कहना है कि टैक्स का बोझ कम किया जाए। अफोर्डबल हाउसिंग पर इनसेंटिव मिले, जिससे बिल्डर्स आगे आएं। सरकार को चाहिए कि सिंगल विंडो क्लियरेंस मैकनिज्म के लिए सरकार स्पेशल फंड का इंतजाम करे, ताकि बिल्डर्स को अलग-अलग विंडो के तहत जो टैक्स देने पड़ते हैं उससे निजात मिले। सरकार ने अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए इंटरेस्ट में सब्सिडी देने की घोषणा की है उससे डिमांड बढ़ने की उम्मीद है।