Edited By ,Updated: 10 Aug, 2016 02:26 PM
कई सालों के बाद रिटेल रियल एस्टेट में रिकवरी के संकेत हैं। पिछले 3 साल से कोई ग्रेड-वन मॉल लांच नहीं हुआ था लेकिन करंट फाइनैंशियल ईयर
नई दिल्लीः कई सालों के बाद रिटेल रियल एस्टेट में रिकवरी के संकेत हैं। पिछले 3 साल से कोई ग्रेड-वन मॉल लांच नहीं हुआ था लेकिन करंट फाइनैंशियल ईयर के पहले क्वार्टर में ही देश के अलग अलग हिस्सों में ग्रेड वन लेवल के मॉल लांच हुए हैं, बल्कि मॉल्स में रेंट भी बढ़ने लगा है।
ग्लोबल रियल एस्टेट कंसलटेंसी फर्म जेएलएल, इंडिया के मुताबिक इस साल के पहले क्वार्टर में एन.सी.आर. दिल्ली में मॉल ऑफ इंडिया, गार्डन्स गैलेरिया, बैंगलूर में वीआर मॉल, कोलकात्ता में एक्रोपोलिस मॉल के अलावा कई ए ग्रेड के मॉल खुले हैं। जेएलएल के मुताबिक यह एक अच्छी खबर है कि इन सभी मॉल्स का आक्यूपेंसी रेट भी काफी अच्छा रहा है, जबकि पिछले साल 2015 में देश के सभी प्रमुख शहरों में कंपलीशन तो बढ़ा था लेकिन वेकैंसी रेट गिर गया था।
जेएलएल के चेयरमैन एवं कंट्री हेड अरुण पुरी ने कहा कि 2012-14 के बीच मॉल रेंट स्थिर रहे। रेंट में तो न तो वृद्धि हुई और न कमी आई। हालांकि मई 2014 में हुए चुनावों के परिणाम आने के बाद स्थिति थोड़ी बहुत सुधरनी लगी है और रेंट धीरे-धीरे बढ़ने लगा है।
जेएलएल की रिसर्च टीम का कहना है कि टेनन्ट सुपरियर मॉल में स्पेस लेने में अधिक रूचि ले रहे हैं। रिटेलर्स मॉल्स में क्वालिटी स्ट्रक्चर, मॉडर्न डिजाइन, ताकि ब्रांड की विजिबिल्टी अच्छी हो। 2015 के अंत में सुपरियर मॉल की वेकेंसी रेट 10 फीसदी से नीचे पहुंच गया, जबकि एवरेज और पुअर मॉल्स में वेकेंसी रेट 15 से 40 फीसदी तक रहा। इसी तरह सुपरियर मॉल्स में रेंटल वेल्यू में तेजी से वृद्धि हुई है, जबकि एवरेज और पुअर मॉल्स में रेंटल वेल्यू में कोई वृद्धि नहीं हुई।
अरुण पुरी के मुताबिक मई 2014 से पहले रिटेल रियल एस्टेट सैक्टर में मंदी है, क्योंकि चुनाव के वक्त कई पार्टियां रिटेल ब्रांड में एफडीआई जैसे मुद्दे पर कई पार्टियां पार्टियां विरोध में थी, इसके अलावा ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस भी चल रही थी। इस वजह से रिटलेर सेंटीमेंट काफी कमजोर थे, लेकिन मई 2014 में बहुमत से सरकार बनने और मल्टी ब्रांड रिटेल एफ.डी.आई. पर सरकार का पक्ष साफ होने के बाद रिटेलर्स का सेंटीमेंट मजबूत हुआ है, जिसका फायदा रिटेल एस्टेट सैक्टर मिलने लगा और अब एक बार फिर से रिकवरी के संकेत मिलने लगे हैं।