नोटबंदी से रियल्टी क्षेत्र को झटका, ‘सफेद धन’ वाले खरीदारों का इंतजार

Edited By ,Updated: 15 Jan, 2017 05:15 PM

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प्रॉपर्टी बाजार को कभी कालेधन के लिए सुरक्षित पनाहगाह समझा जाता था लेकिन नोटबंदी के बाद इस क्षेत्र को जबर्दस्त झटका लगा है। पिछले 3 माह में रियल्टी क्षेत्र के डेवलपर्स की बिक्री में 50 प्रतिशत तक गिरावट आई है।

नई दिल्ली: प्रॉपर्टी बाजार को कभी कालेधन के लिए सुरक्षित पनाहगाह समझा जाता था लेकिन नोटबंदी के बाद इस क्षेत्र को जबर्दस्त झटका लगा है। पिछले 3 माह में रियल्टी क्षेत्र के डेवलपर्स की बिक्री में 50 प्रतिशत तक गिरावट आई है। अब उनकी उम्मीद इस बात पर टिकी है कि बाजार में कुछ ‘सफेद धन’ वाले खरीदार आएं।   

हालांकि, बहुत से खरीदारों ने आवासीय बाजार में अपनी खरीद रोकी हुई है। इनको उम्मीद है कि ब्याज दरों में और गिरावट आएगी और नोटबंदी की वजह से संपत्तियों के दाम और घटेंगे। बहुत से अन्य लोगों का मानना है कि इससे क्षेत्र से कालेधन की सफाई हो सकेगी और सफेद धन यानी एेसा पैसा लगेगा जो सरकार की जानकारी में है और उस पर कर चुकाया गया है।  

नोटबंदी से प्रॉपर्टी बाजार हुआ प्रभावित
उद्योग के आंकड़ों के अनुसार द्वितीयक बाजार या सैकेंड हैंड प्रॉपर्टी बाजार नोटबंदी से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। माना जाता है कि पुराने मकानों की खरीद-फरोख्त में सबसे अधिक कालेधन का इस्तेमाल होता है। सरकार द्वारा 500 और 1,000 रुपए के नोटों को बंद करने के बाद संपत्तियों का पंजीकरण भी प्रभावित हुआ है। प्रॉपर्टी सलाहकार नाइट फ्रैंक इंडिया के अनुसार नोटबंदी के बाद डेवलपर्स को अनुमानत: 22,600 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है जबकि राज्य सरकारों को स्टाम्प ड्यूटी पर 1,200 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। चेन्नई से लेकर कोलकाता, हैदराबाद से लेकर पुणे और मुंबई तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की शीर्ष रियल्टी कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि नोटबंदी से रियल एस्टेट बाजार बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

नवंबर-दिसंबर में संपत्ति की बिक्री हुई प्रभावित 
रियल्टी उद्योगों के शीर्ष संगठन क्रेडाई के अध्यक्ष गीतांबर आनंद ने कहा, ‘‘नवंबर -दिसंबर में नोटबंदी के बाद प्राथमिक और द्वितीयक दोनों बाजारों में संपत्ति की बिक्री प्रभावित हुई है। लोगों ने सिर्फ रियल एस्टेट नहीं बल्कि सभी क्षेत्रों में अपने खरीद के निर्णय को टाल दिया है।’’ हालांकि, उन्होंने कहा कि बैंकों द्वारा ब्याज दरें कम करने के बाद प्राथमिक बाजार में स्थिति कुछ सुधरी है लेकिन द्वितीयक बाजार में अभी कुछ समय लगेगा।   

इन शहरों में प्रॉपर्टी में आई गिरावट
8 बड़े शहरों में प्राथमिक आवासीय बाजार में अक्तूबर-दिसंबर में बिक्री में 44 प्रतिशत की गिरावट आई है। इस दौरान आवासीय इकाइयों की बिक्री का आंकड़ा 41,000 इकाई रहा। वहीं नई पेशकश में करीब 61 प्रतिशत की गिरावट आई है। दिल्ली-एनसीआर के बाजार में घरों की बिक्री में सबसे अधिक 53 प्रतिशत की गिरावट आई। चौथी तिमाही में मुंबई में बिक्री 50 प्रतिशत घटी है जबकि बैंगलूर में 45 प्रतिशत, अहमदाबाद में 43 प्रतिशत, हैदराबाद में 40 प्रतिशत, पुणे में 35 प्रतिशत, चेन्नई में 31 प्रतिशत तथा कोलकाता में 20 प्रतिशत घटी है।

अक्तूबर-दिसंबर के लिए अपने बुकिंग आंकड़े जारी करने वाली एकमात्र कंपनी शोभा डेवलपर्स ने कहा कि तिमाही के दौरान उसकी बिक्री बुकिंग 22 प्रतिशत घटकर 373.2 करोड़ रुपए रह गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 478.3 करोड़ रुपए रही थी। 

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