Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jan, 2018 08:48 AM
उपभोक्ता को मैडीक्लेम देने से इंकार करने पर जिला उपभोक्ता फोरम ने सिगना हैल्थ इंश्योरैंस को शिकायतकर्ता को 44,251 रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया है। शिकायतकर्ता ने बीमा कम्पनी और एक प्राईवेट अस्पताल के खिलाफ फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी।
चंडीगढ़ः उपभोक्ता को मैडीक्लेम देने से इंकार करने पर जिला उपभोक्ता फोरम ने सिगना हैल्थ इंश्योरैंस को शिकायतकर्ता को 44,251 रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया है। शिकायतकर्ता ने बीमा कम्पनी और एक प्राईवेट अस्पताल के खिलाफ फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी।
क्या है मामला
मालोआ निवासी नीता कुमार ने अपने परिवार के लिए सिगना हैल्थ इंश्योरैंस कंपनी से 5 लाख रुपए के रिस्क कवर के साथ एक पॉलिसी खरीदी थी। 24 फरवरी 2016 से 22 फरवरी 2017 तक के लिए वैलेड इस पॉलिसी के लिए उसने 9 महीने प्रीमियम भरा था। 24 सितम्बर 2016 को नीता कुमार अचानक बीमार हो गई और उसका इलाज एक प्राईवेट अस्पताल में हुआ। वह तीन दिन इलाज के लिए अस्पताल में रही और इस दौरान अन्य खर्चों सहित अस्पताल का बिल 29,251 रुपए बना।
25 सितम्बर 2016 को बीमा कम्पनी ने उसका दावा मंजूर कर लिया था परन्तु कम्पनी ने रकम जारी नहीं की। कम्पनी ने यह कहते हुए दावा देने से इन्कार कर दिया कि अस्पताल से डिसचार्ज डिटेल अनुसार नीता कुमार की जिस बीमारी का इलाज किया गया था उसे आम तौर पर चिंता और तनाव संबंधी विकार कहा जाता है तथा यह बीमा कवर के अधीन नहीं आता। परेशान होकर नीता कुमार ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज करवाई।
यह कहा फोरम ने
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उपभोक्ता फोरम ने फैसला शिकायतकर्ता के हक में सुनाया। फोरम ने कहा कि बीमा करते समय कम्पनी ने यह पारिभाषित नहीं किया कि मानसिक बीमारी मैडीक्लेम के कवर अधीन नहीं आती, इसलिए दावा राशि जारी न करना सेवा में कमी के अंतर्गत आता है। फोरम ने बीमा कम्पनी को 29,251 रुपए मैडीक्लेम शिकायतकर्ता को देने के साथ ही 10,000 रुपए मुआवजा राशि और 5000 रुपए अदालती खर्च के तौर पर देने का आदेश दिया है।