Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Oct, 2017 10:54 AM
भारत में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) विदेशी बाजार से 2.5 अरब डॉलर जुटाने की योजना बना रही है। इस रकम से कंपनी अपने दूरसंचार उपक्रम जियो के कर्ज का पुनर्भुगतान करेगी। इस साल किसी भी भारतीय कंपनी द्वारा विदेशी बाजार से...
नई दिल्लीः भारत में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) विदेशी बाजार से 2.5 अरब डॉलर जुटाने की योजना बना रही है। इस रकम से कंपनी अपने दूरसंचार उपक्रम जियो के कर्ज का पुनर्भुगतान करेगी। इस साल किसी भी भारतीय कंपनी द्वारा विदेशी बाजार से पूंजी जुटाने की यह अब तक की सबसे बड़ी पहल मानी जा रही है। रिलायंस इंडस्ट्रीज दो चरणों में 81.5 करोड़ डॉलर अमेरिकी मुद्रा में और 15 करोड़ यूरो में जुटाएगी। इसके साथ ही जियो 1.5 अरब डॉलर जुटाएगी जिसके लिए प्रवर्तक कंपनी की ओर से गारंटी दी जाएगी।
आरआईएल का शेयर बुधवार को 5 फीसदी चढ़कर 914 रुपये पर बंद हुआ, जिससे इसका कुल बाजार पूंजीकरण 5,78,637 करोड़ रुपये हो गया। इस कर्ज का बंदोबस्त एएनजेड, बार्कले, बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच, बैंक ऑफ नोवा स्कॉटिया, बीएनपी पारिबा, सिटीबैंक के साथ ही अन्य विदेशी बैंकों द्वारा लाइबोर प्लस 56 आधार अंक के मार्जिन पर अमेरिकी डॉलर में किया जाएगा।
रिलायंस जियो ने पिछले कुछ वर्षों में भारत का सबसे बड़ा दूरसंचार नेटवर्क स्थापित किया है, जिस पर कंपनी ने 2,50,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। एक साल पहले जियो की सेवा को शुरू करने के बाद से कंपनी ने मुफ्त वॉयस कॉल और सस्ती डेटा सेवा से 13 करोड़ ग्राहकों को अपने साथ जोड़ा है। जियो शुरू होने के बाद से ही घरेलू दूरसंचार उद्योग में एकीकरण की हलचल शुरू गई और वोडाफोन तथा आइडिया सेल्युलर ने अपने परिचालन का विलय करने का समझौता किया है, वहीं भारती एयरटेल ने भी छोटी कंपनियों का विलय-अधिग्रहण किया है।