Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Jul, 2017 07:04 PM
बीते पांच साल के दौरान देश में मोबाइल डाटा की प्रति व्यक्ति खपत 24 गुणा बढ़ी है
नई दिल्ली: बीते पांच साल के दौरान देश में मोबाइल डाटा की प्रति व्यक्ति खपत 24 गुणा बढ़ी है और उपभोक्ताओं की संख्या में लगातार हो रही बढ़ोतरी की बदौलत अगले पांच साल में इसके बढ़कर दोगुणा होने की उम्मीद है।
साख निर्धारक एजेंसी क्रिसिल की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 तक डाटा उपभोक्ताओं की संख्या दोगुनी होकर 90 करोड़ के पार पहुंच जायेगी जिससे कुल डाटा खपत में 4 गुणा बढोतरी की संभावना है। इसमें कहा गया कि डाटा उपभोक्ताओं की बढ़ती संख्या के साथ दूरसंचार कंपनियों को प्रति उपभोक्ता अधिक डाटा खपत के लिए तैयार रहना होगा।
जियो के कारण दूसरी कंपनियों को झटका
वित्त वर्ष 2011-12 से 2016-17 के बीच 3जी और 4जी सेवाओं के आने से देश में प्रति उपभोक्ता मोबाइल डाटा का इस्तेमाल 61 एमबी से करीब 24 गुणा बढ़कर लगभग 1.30 जीबी प्रति माह पर पहुंच गया है। हालांकि रिलायंस जियो के नि:शुल्क ऑफर ने दूसरी कंपनियों को झटका देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जियो के कारण दूरसंचार कंपनियां इस मौके को भुना नहीं पाई और पिछले वित्त वर्ष के दौरान उन्हें डाटा की कीमतों में 40 प्रतिशत के करीब कटौती करनी पड़ी।
दक्षिण कोरिया के मुकाबले स्पीड आधी
रिपोर्ट के मुताबिक मोबाइल डाटा का इस्तेमाल वार्षिक 12 प्रतिशत की दर से बढेगा और 2022 तक प्रति उपभोक्ता खपत 2.3 जीबी मासिक हो जाएगी और इसके बाद इसमें स्थिरता आएगी। विभिन्न देशों में डाटा खपत के संदर्भ में किए गए तुलनात्मक अध्ययन से यह बात सामने आई है कि डाटा की खपत हाई स्पीड से जुड़ी है। भारत में 4जी सेवा पर मोबाइल डाटा की स्पीड दक्षिण कोरिया के मुकाबले आधी है। वाई-फाई से जुड़े आधारभूत ढांचों से लागत में कमी आएगी और उपभोक्ताओं को तेज इंटरनेट भी मिल पाएगा।
80 फीसदी डाटा वीडियो पर खर्च
क्रिसिल का कहना है कि वाई-फाई सेवा के विस्तार से डाटा खपत में तेजी से बदलाव आएगा। रिपोर्ट से यह बात भी सामने आई है कि देश में कुल डाटा खपत का करीब 80 फीसदी वीडियो पर खर्च होता है, जबकि चीन में यह 77 प्रतिशत है। यहां लोग सबसे अधिक वीडियो हिंदी भाषा में देखते हैं। वीडियो देखने में होने वाले कुल डाटा खपत का करीब 60 फीसदी हिंदी वीडियो और 35 फीसदी अन्य क्षेत्रीय भाषाओं का वीडियो देखने में होता है।