Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Oct, 2017 01:13 PM
रेरा कानून के चलते रियल एस्टेट इस समय बुरे दौर में है। रेरा कानून का कारोबारियों के मन में भय बैठता जा रहा है। हालात यह हैं कि करीब 100 करोड़ के विभिन्न प्रोजेक्ट अटक गए हैं। 35 प्रतिशत कारोबारी ऐसे है, जिन्होंने इससे तौबा कर ली है। करीब 100 करोड़ के...
नई दिल्लीः रेरा कानून के चलते रियल एस्टेट इस समय बुरे दौर में है। रेरा कानून का कारोबारियों के मन में भय बैठता जा रहा है। हालात यह हैं कि करीब 100 करोड़ के विभिन्न प्रोजेक्ट अटक गए हैं। 35 प्रतिशत कारोबारी ऐसे है, जिन्होंने इससे तौबा कर ली है। करीब 100 करोड़ के नए प्रोजेक्ट भी लटक गए हैं। इन प्रोजेक्ट में रिहायशी और कामर्शियल के साथ ही बड़े होटल्स भी शामिल हैं।
होटल सेक्टर को बड़ा झटका
कारोबारियों की मानें तो नए प्रोजेक्ट आने के पहले रेरा समिति में पंजीयन आवश्यक है। इस कारण राजधानी के आसपास के क्षेत्रों के साथ ही आउटर में भी बनने वाले प्रोजेक्ट लटक गए हैं। कई ऐसे हैं, जिन्होंने अपना प्रोजेक्ट ही बदल दिया है। रियल एस्टेट से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि रेरा की वजह से होटल सेक्टर को भी तगड़ा झटका लगा है। बताया जा रहा है कि डील होने के बाद भी कंपनियां इन दिनों आने से घबरा रही हैं।
बिल्डरों पर शिकंजा
बिल्डर ब्रोशर में भी बदलाव उपभोक्ता की मर्जी के बगैर नहीं कर सकेंगे।
अपने प्रोजेक्ट में किसी भी तरह से लेटलतीफी नहीं की जा सकती।
उपभोक्ताओं को बताई गई सुविाएं प्रोजेक्ट में देनी ही होंगी।
रेरा समिति में पंजीयन के बगैर कोई भी प्रोजेक्ट नहीं आ सकेगा।