Edited By ,Updated: 18 Apr, 2017 12:16 PM
अगर आप फ्लैट लेने का प्लान कर रहे हैं तो थोड़ा रुक जाइए। मोदी सरकार RERA यानी रियल एस्टेट रेग्युलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट लागू करने वाली है। 1 मई से RERA लागू होने वाला है। नया कानून सारे रियल एस्टेट सेक्टर को पूरी तरह बदल देगा।
नई दिल्लीः अगर आप फ्लैट लेने का प्लान कर रहे हैं तो थोड़ा रुक जाइए। मोदी सरकार RERA यानी रियल एस्टेट रेग्युलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट लागू करने वाली है। 1 मई से RERA लागू होने वाला है। नया कानून सारे रियल एस्टेट सेक्टर को पूरी तरह बदल देगा। नए कानून से सेक्टर में जवाबदेही बढ़ेगी और पारदर्शिता आएगी। नए कानून से बायर्स को काफी फायदा होने वाला है।
हर राज्य में होगी स्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी
नए कानून के तहत हर राज्य को रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी बनानी होगी। अथॉरिटी का काम बिल्डर के खिलाफ आने वाली शिकायतों पर काम करना है। सभी अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉजैक्ट अथॉरिटी की पहुंच में होंगे। 8 अपार्टमेंट से ज्यादा कर्मशिलय या फिर रहने वाले प्रॉजैक्ट्स के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर प्रॉजेक्ट का 10 फीसदी जुर्माना भरना होगा। दोबारा ऐसी गलती करने पर जेल भी हो सकती है।
देरी पर बिल्डर्स को भरना होगा जुर्माना
हर प्रॉजैक्ट के लिए अलग बैंक अकाऊंट खुलवाना होगा जिसमें बॉयर्स से मिलने वाले डिपॉजिट का 70 फीसदी उस अकाऊंट में रखना होगा। ऐसा होने से बिल्डर्स एक प्रॉजैक्ट का पैसा दूसरे प्रॉजैक्ट में नहीं लगा पाएंगे। इसके अलावा अथॉरिटी को प्रॉजैक्ट से जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध करवानी होगी। RERA के तहत अगर बिल्डर ने समय पर पोजेशन नहीं दिया तो बिल्डर्स को EMI पर लगने वाला इंटरेस्ट चुकाना होगा।