फसलों पर आसमानी आफत का खतरा

Edited By ,Updated: 11 Mar, 2017 02:39 PM

risk of horror on crops

देश के प्रमुख गेहूं और चना उत्पादक राज्यों में हुई बारिश से किसानों के चेहरे पर मुस्कान जरूर आई है लेकिन मौसम विभाग की चेतावनी ने किसानों को आशंकित कर दिया है।

नई दिल्लीः देश के प्रमुख गेहूं और चना उत्पादक राज्यों में हुई बारिश से किसानों के चेहरे पर मुस्कान जरूर आई है लेकिन मौसम विभाग की चेतावनी ने किसानों को आशंकित कर दिया है। उत्तर भारत में आने वाले दिनों में तेज बारिश एवं ओले पडऩे की आशंका जताई गई है जो रबी फसलों के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं है। अगला एक सप्ताह रबी की फसलों के लिए संवेदनशील है। 

मार्च महीने में अभी तक हुई हल्की बारिश किसानों के लिए सोना साबित हुई है लेकिन भारी बारिश और ओले का मंडरा रहा संकट फसलों के लिए किसी काल से कम नहीं है। मौसम विभाग की तरफ से मिल रही चेतावनियों को देखते हुए कृषि मंत्रालय और अनुसंधान केंद्रों के कृषि अधिकारी किसानों को इस समय किसी भी फसल की सिंचाई नहीं करने की सलाह दे रहे हैं। उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक प्रोफेसर राजेंद्र कुमार ने कहा कि मौसम विभाग से मिल रही जानकारी को देखते हुए हमने किसानों से अपील की है कि इस सप्ताह किसी भी फसल की सिंचाई न करें। जो फसल तैयार हैं उनकी कटाई भी कर लें जिससे बारिश के संभावित नुकसान से बचा जा सके। हाल ही में हुई बारिश से दलहन, तिलहन सहित सभी फसलें प्रभावित हुई हैं। कुछ इलाकों को छोड़कर बड़े पैमाने पर अभी तक बारिश से किसानों को फायदा ही हुआ है। 

कृषि विशेषज्ञ राकेश केसरवानी ने बताया कि यह रबी की प्रमुख फसल गेंहू की अंतिम सिंचाई का समय होता है। बारिश होने से किसानों को सिंचाई नहीं करनी पड़ेगी। इस समय पूरे उत्तर भारत में चने की फसल लगभग पूरी तरह तैयार है जबकि गेहूं की फसल पकने को तैयार है। गेहूं की फसल में हल्की बारिश बहुत ही फायदेमंद साबित होगी, इससे उत्पादन बढ़ेगा और किसानों का खर्च भी कम होगा लेकिन बारिश के बाद तेज हवा या फिर ओले गिरते हैं तो नुकसान होगा। मार्च महीने में हर साल हल्की बारिश होती है जिसका फायदा रबी फसलों को होता है। हल्की बारिश का फायदा किसान और फसल दोनों को होता है। इसलिए अभी तक जो बारिश हुई है वह फसलों के लिए फायदेमंद ही साबित होगी। मार्च महीने में अब तक देशभर में करीब 10 फीसदी औसतन कम बारिश हुई है। 

मौसम विभाग के मुताबिक इस साल मार्च में करीब 8 मिलीलीटर बारिश हुई है और 12 से 15 मार्च तक उत्तर भारत में तेज बारिश की आशंका है। बारिश के साथ तेज हवाएं और ओले भी पड़ सकते हैं। कृषि मामलों के जानकारों के अनुसार यदि तेज बारिश और ओले पड़ते हैं तो अभी तक बारिश से फसलों को जो फायदा हुआ है वह नुकसान में बदल जाएगा क्योंकि गेंहू की तैयार खड़ी फसल गिरने पर काली पड़ जाएगी। साथ ही चने और धनिये की फसल लगभग तैयार है। होली के बाद कटाई का काम भी शुरू हो जाएगा लेकिन बारिश होने के कारण कटाई में देरी होगी। ऐसे में अधिक बारिश हुई तो फसल में और देर होगी। ओले पड़ते हैं तो इन फसलों के लिए बहुत नुकसान होगा। धनिये और चने के साथ दूसरी फसलों को भी नुकसान होगा। तेज बारिश और ओले पडऩे से सबसे ज्यादा नुकसान सरसों और अलसी जैसी तैयार तिलहन फसलों का होगा क्योंकि ये फसल लगभग पूरी तरह तैयार है। ऐसे में किसानों को मौसम विभाग की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए बिना देरी किये हुए इन फसलों को कटाई कर लेनी चाहिए।

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