SBI की पूर्व चेयरमैन अरूंधति ने नोटबंदी पर दिया बड़ा बयान

Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Oct, 2017 11:09 AM

sbi chairman arundhati given the big statement on notbandi

भारतीय स्टेट बैंक (एस.बी.आई.) की पूर्व चेयरमैन अरूंधति भट्टाचार्य ने कहा कि बैंकों को नोटबंदी की तैयारी के लिए और समय दिया जाना चाहिए था। नोटबंदी के दौरान बैंकों पर काफी दबाव पड़ा है। पिछले साल 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000...

नई दिल्लीः भारतीय स्टेट बैंक (एस.बी.आई.) की पूर्व चेयरमैन अरूंधति भट्टाचार्य ने कहा कि बैंकों को नोटबंदी की तैयारी के लिए और समय दिया जाना चाहिए था। नोटबंदी के दौरान बैंकों पर काफी दबाव पड़ा है। पिछले साल 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपए के नोट को चलन से हटाने का फैसला किया था। इस पहल का मकसद कालाधन, भ्रष्टाचार और नकली मुद्रा पर लगाम लगाना था।

नोटबंदी के लिए देना चाहिए था और वक्त
अरूंधति ने कहा, ‘‘अगर हम किसी नई तरह की चीज के लिए तैयार होते हैं, तब यह ज्यादा सार्थक और बेहतर होता। स्पष्ट तौर पर अगर नोटबंदी के लिए थोड़ी अधिक तैयारी का मौका मिलता, निश्चित रूप से इसका हम पर दबाव कम होता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर आपको नकदी लानी-ले जानी होती है, उसके कुछ नियम है। हमें पुलिस की जरूरत होती है। काफिले की व्यवस्था करनी होती है। नजदीकी मार्ग चुनना होता है। यह बड़ा ‘लाजिस्टिक’ कार्य होता है।’’

बताए नोटबंदी के फायदे
देश के सबसे बड़े बैंक की चेयरमैन पद से सेवानिवृत्त हुई अरूंधति के अनुसार इस बात का आकलन करने के लिए और समय की जरूरत है कि नोटबंदी सही कदम था या नहीं। नोटबंदी के लाभ के बारे में उन्होंने कहा कि इससे करदाताओं की संख्या 40 प्रतिशत बढ़ी, उच्च मूल्य की मुद्रा पर निर्भरता कम हुई और डिजिटलीकरण बढ़ा है। अरूंधति ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि कालाधन रखने वाले बच पाएंगे। प्रौद्योगिकी लाखों खातों के विश्लेषण करने में मदद करेगी। कालाधन रखने वालों को पता है कि वे जांच के घेरे में हैं।’’   

 

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