Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Aug, 2017 02:24 PM
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने वित्त वर्ष 2018 की पहली तीमाही में अपने स्टाफ की संख्या में 6,622
मुंबईः स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने वित्त वर्ष 2018 की पहली तीमाही में अपने स्टाफ की संख्या में 6,622 की कटौती की है। रिटायरमेंट और वॉलंटरी रिटायरमेंट योजना की वजह से बैंक के कर्मचारियों की संख्या 2.80 लाख से घटकर 2.73 लाख रह गई है। सहयोगी बैंकों से मर्जर और डिजिस्टेशन की वजह से एसबीआई अब 10,000 अन्य कर्मचारियों को पुर्ननियोजित करने की तैयारी में है। सहयोगी बैंकों के एकीकरण और डिजिटल चैनल्स को बढ़ावा मिलने के बाद देश के सबसे बड़े नियोक्ता ने रोजगार पुनर्गठन प्रक्रिया को गति दी है।
बैलेंस शीट मर्जर के बाद एकीकरण प्रक्रिया की ओर इशारा करते हुए एस.बी.आई. की चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा, 'मर्जर का फ़िज़िक्स पूरा हुआ और केमिस्ट्री अभी बांकी है। मर्जर के बाद रोजगार पुनर्गठन का बड़ा हिस्सा इसलिए अमल में आ रहा है क्योंकि बैंक अपनी शाखाओं को सुनियोजित कर रहा है ताकि एक ही जगह पर इसके कई आउटलेट्स ना हों। एसबीआई ने 6 अगस्त तक 594 शाखों को मर्ज किया है और 122 प्रशासनिक कार्यालयों को पुनर्गठित किया है। इससे सालाना 1,160 करोड़ रुपये बचत की संभावना है।
इसलिए पड़ रही पुर्नगठन की जररूत
एसबीआई को बैंकों के अंदर और बाहर बनाए गए डिजिस्टेशन की वजह से भी पुर्नगठन की जररूत महसूस हो रही है। बैंक स्टाफ को गवर्नमेंट सर्विस ब्रांचेज में पुर्ननियोजित कर रहा है क्योंकि अधिकतर बैंकिंग ऑपरेशन को पोर्टल पर ले जाया जा रहा है। एच.डी.एफ.सी. जैसे प्राइवेट बैंक भी डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देते हुए कर्मचारियों की संख्या में तेजी से कटौती कर रहे हैं। एचडीएफसी बैंक के कर्मचारियों की संख्या दिसंबर 2016 में 90,421 थी जो मार्च 2017 में 84,325 हो गई।