Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Jan, 2018 02:02 PM
जेपी असोसिएट लिमिटेड (JAL) के खिलाफ दिवालिया कानून के तहत कार्रवाई शुरू करने की इजाजत देने आज सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने जेपी को इसके लिए एक एफिडेविट फाइल करके यह बताने को कहा है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में उनके कितने हाउसिंग प्रॉजेक्ट चल रहे...
नई दिल्लीः जेपी असोसिएट लिमिटेड (JAL) के खिलाफ दिवालिया कानून के तहत कार्रवाई शुरू करने की इजाजत देने आज सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने जेपी को इसके लिए एक एफिडेविट फाइल करके यह बताने को कहा है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में उनके कितने हाउसिंग प्रॉजेक्ट चल रहे हैं और इस वक्त उनकी स्थिति क्या है, मतलब उनका कितना निर्माण कार्य हो चुका है? इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने जेपी को जल्द से जल्द 125 करोड़ रुपए जमा करवाने का निर्देश भी दिया है।
यह भी कहा गया कि अगर जेपी पैसे देने में विफल होता है तो इसे कोर्ट की अवमानना समझा जाएगा, जिसके लिए उससे जुड़े लोगों को तिहाड़ भी भेजा जा सकता है। दरअसल, यह पैसा उन 2 हजार करोड़ रुपए का हिस्सा है जिसको देने का ऑर्डर सुप्रीम कोर्ट ने पहले दिया था। यह पैसे जेपी द्वारा बनाई जा रहीं सोसाइटीज में घर खरीदने वाले उन लोगों को लौटाया जाएगा जिन्हें अबतक घर नहीं मिला है। जेपी को 25 जनवरी तक 125 करोड़ रुपए देने होंगे।
घर खरीदने वालों के लिए शुरु हो अलग से पोर्टल
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि जेपी असोसिएट लिमिटेड (JAL) के प्रोजेक्ट्स के तहत घर खरीदने वालों के लिए अलग से एक पोर्टल शुरू होना चाहिए ताकि जल्द से जल्द सब निपटाया जा सके। एस.सी. पांच फरवरी को मामले की अगली सुनवाई करेगा। बता दें कि जेपी के खिलाफ रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आर.बी.आई.) सोमवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। इससे पहले खबर आई थी कि जेपी कर्ज चुकाने के लिए अपने पांच होटल और रिजॉर्ट्स बेच सकता है। उस बिक्री से जेपी को 2,500 करोड़ मिलने की उम्मीद थी।