Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jan, 2018 04:47 AM
स्कूली पोशाक उत्पादन उद्योग काफी तेजी से बढ़ रहा है। इसका आकार वित्त वर्ष 2016-17 के 18,000 करोड़ रुपए की तुलना में बढ़कर वित्त वर्ष 2021-22 में 25,000 करोड़ रुपए हो जाने का अनुमान है। सोलापुर रैडीमेड इंडस्ट्री एसोसिएशन के उपाध्यक्ष नीलेश शाह ने...
मुंबई: स्कूली पोशाक उत्पादन उद्योग काफी तेजी से बढ़ रहा है। इसका आकार वित्त वर्ष 2016-17 के 18,000 करोड़ रुपए की तुलना में बढ़कर वित्त वर्ष 2021-22 में 25,000 करोड़ रुपए हो जाने का अनुमान है।
सोलापुर रैडीमेड इंडस्ट्री एसोसिएशन के उपाध्यक्ष नीलेश शाह ने कहा, ‘‘शिक्षा के प्रति देश में बढ़ती जागरूकता के कारण स्कूली पोशाक उद्योग तेजी से बढ़ रहा है और हम इसे मौजूदा 18,000 करोड़ बढ़कर 2022 तक 25,000 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा।’’ उन्होंने बताया कि मौजूदा 18,000 करोड़ में से 10,000 करोड़ रुपए का योगदान संगठित क्षेत्र का है और शेष असंगठित क्षेत्र का।
शाह ने कहा कि महाराष्ट्र का सोलापुर जिला इस उद्योग का केंद्र बन गया है। शहर में 2022 तक 2000 नई इकाइयां शुरू करने की योजना है। शाह ने परिवहन, श्रम व कच्चे माल की आसान उपलब्धता का जिक्र करते हुए कहा कि शहर में अभी 1000 से अधिक इकाइयां परिचालन में हैं। एसोसिएशन व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सोलापुर में 27-29 जनवरी के दौरान एक प्रदर्शनी आयोजित करने वाला है।