पुरानी नकदी का भंडार करने वालों पर शिकंजा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jan, 2018 10:00 AM

screws on the old cash holders

वर्ष 2016 में सरकार की तरफ से 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने के बाद लोगों को बहुत-सी परेशानियों का सामना करना पड़ा, जिनमें से पुलिस मुख्य तौर पर धोखा करने वाले लोगों से सख्ती से निपटी थी। अभी कुछ ही दिनों की बात है कि उत्तर प्रदेश में भारी...

नई दिल्लीः वर्ष 2016 में सरकार की तरफ से 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने के बाद लोगों को बहुत-सी परेशानियों का सामना करना पड़ा, जिनमें से पुलिस मुख्य तौर पर धोखा करने वाले लोगों से सख्ती से निपटी थी। अभी कुछ ही दिनों की बात है कि उत्तर प्रदेश में भारी मात्रा में तकरीबन 96 करोड़ रुपए के 500 और 1000 रुपए के जमा किए हुए पुराने नोट बरामद किए गए। इस सम्बन्ध में 16 व्यक्तियों को गिरफ्तार भी किया गया था जो सिर्फ एक केस है, इसी तरह के अन्य भी कई केस मौजूद हैं, जिनमें पुराने नोटों का भंडार करने की सूचनाएं हैं।

मोटी कमीशन लेकर नोट बदलने का धंधा करता है एक ग्रुप
नैशनल इंवैस्टीगेशन एजैंसी (एन.आई.ए.) द्वारा दी गई गुप्त सूचना के आधार पर बहुत से लोगों को पकड़ लिया गया था और कई धोखेबाजों को गिरफ्तार भी किया गया था। स्पैसीफाइड बैंक नोट्स (सैसेएशन आफ लायबिलिटीज) एक्ट 2017 के अनुसार एक व्यक्ति को केवल जुर्माना ही हो सकता है। वर्णनीय है कि 8 नवम्बर 2016 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने टैलीविजन पर एक संबोधन में 500 और 1000 रुपए नोटों का प्रचलन बंद करने की घोषणा की थी और उन्होंने यह काले धन को जमा करने वालों पर एक चोट और आतंकवादियों की सरगर्मियों को बंद करने का एक बड़ा कदम बताया था। अधिकारियों ने कहा कि उन ऐसे ग्रुप की शिनाख्त कर ली गई है, जिन्होंने पुराने नोटों को नए नोटों में बदलने के लिए मोटी कमीशन हासिल की है परन्तु इन मामलों में किसी ने शिकायत नहीं दी बल्कि पुलिस अपने स्तर पर केस दर्ज कर रही है।

जुर्माने की व्यवस्था
स्पैसीफाईड बैंक नोट्स (सैसेएशन आफ लायबिलिटीज) एक्ट, 2017 की धारा 7 के अनुसार 10 से ज़्यादा बंद हो चुके 500 और 1000 रुपए के नोट रखने पर कम से कम 10,000 रुपए या बंद हुई पुरानी करंसी की कुल कीमत के 5 गुणा जुर्माने की व्यवस्था है। एन.आर.आई. के अलावा और लोगों के लिए नोट बदलने की आखिरी तिथि 31 दिसम्बर 2016 थी तथा इसके बाद नोट सिर्फ आर.बी.आई. के काऊंटर पर ही बदले जाने थे। सुरक्षा एजैंसियों ने मनी लांड्रिंग करने वालों की फोन पर हुई बातचीत को आधार बनाया, जो बैंकिंग प्रणाली द्वारा पैसे को वैध करने के लिए अलग-अलग विधियों जैसे ‘जमा और निकासी, दूसरे चैनल, वी.पी. स्लाट और यू-टर्न’ का प्रयोग करते हैं। अधिकारियों ने बताया कि यह कोडवर्ड हमारे लिए एक रहस्य भी हैं। पुरानी करंसी को जायज ढंग से बदलवाने को मार्च 2017 में बंद कर दिया गया था। हाल ही में हुई रिकवरियां धोखाधड़ी के मामले हैं। इंकम टैक्स विभाग और स्टेट पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिमी बंगाल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में ऐसे कई एजैंटों की पहचान की है, जिन्होंने ऐसी नकदी जमा की हुई है। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इन एजैंटों ने आर.बी.आई. के साथ संपर्क करने का दावा किया है जो उनको नए नोट प्राप्त करने में सहायता करेंगे। उन्होंने बताया कि ऐसे धोखाधड़ी के कई ग्रुप हैं जो आर.बी.आई. में होने का दावा कर पुरानी करंसी संभाल कर रखने वाले लोगों को कमीशन पर नई करंसी देने की पेशकश करते हैं।

आतंकवादी लिंक
गत नवम्बर में राष्ट्रीय जांच एजैंसी ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनके पास से 36 करोड़ रुपए के नोट जब्त किए गए थे। इसमें यह दावा किया गया था कि इन्हें काबू करने वालों का जम्मू-कश्मीर में चल रही आतंकवादी फंङ्क्षडग के साथ सम्बन्ध है, जबकि कई अलगाववादी तत्वों को गिरफ्तार किया गया था। मनी लांड्रिंग विधि बारे बताते हुए एक अधिकारी ने कहा किवी.पी. स्लाट का शायद मतलब है कि 2 बैंकों के 2 वी.पी. एक ही समय पर ही आधे घंटे के लिए अपने सिस्टम पर बैठेंगे और फिर 100 करोड़ रुपए की बड़ी रकम का तबादला बिना किसी रिकार्ड के डाटाबेस में कर दिया जाएगा।

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