Edited By ,Updated: 28 Aug, 2016 12:10 PM
बीते सप्ताह एक फीसदी से अधिक लुढ़के शेयर बाजार पर अगले सप्ताह अमरीकी फेडरल रिजर्व के सितंबर में ब्याज दरों में बढ़ौतरी करने के संकेत का दबाव रह सकता है।
मुंबईः बीते सप्ताह एक फीसदी से अधिक लुढ़के शेयर बाजार पर अगले सप्ताह अमरीकी फेडरल रिजर्व के सितंबर में ब्याज दरों में बढ़ौतरी करने के संकेत का दबाव रह सकता है। फेड रिजर्व की अध्यक्ष जेनेट येलेन ने शुक्रवार देर रात वार्षिक मौद्रिक नीति सम्मेलन में कहा, ''रोजगार के नए अवसरों में बढ़ौतरी होने के साथ ही आर्थिक विकास दर में भी धीमी गति से वृद्धि हो रही है। इसके मद्देनजर हमारे पास अगले महीने ब्याज दरों में बढ़ौतरी करने का मजबूत आधार है।" इससे यूरोप एवं अमरीकी बाजारों में बेहतर रिटर्न पाने की उम्मीद मे विदेशी निवेशक घरेलू बाजार में बिकवाली कर सकते हैं। इसके अलावा अगले सप्ताह बाजार की चाल निर्धारित करने में अगस्त के मासिक वायदा सौदा निपटान की भी अहम भूमिका रहेगी।
समीक्षाधीन सप्ताह बी.एस.ई. का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सैंसेक्स 294.75 अंक अर्थात 1.05 फीसदी लुढ़ककर 3 सप्ताह के न्यूनतम स्तर 27,782.25 अंक और नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एन.एस.ई.) का निफ्टी 94.35 अंक यानी 1.09 फीसदी टूटकर 8,572.55 अंक पर रहा। इस दौरान बाजार में 5 में से 3 कारोबारी दिवस गिरावट रही वहीं दो दिन तेजी दर्ज की गई।
रिजर्व बैंक गवर्नर पद पर महंगाई नियंत्रित रखने की नीतियों के लिए जाने वाले उर्जित पटेल की नियुक्ति की घोषणा से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कमजोर पडऩे की आशंका का बाजार पर असर दिखा और सप्ताह के पहले दिन सोमवार के सैंसेक्स 91 अंक से अधिक टूटा। हालांकि मंगलवार को इसमें मामूली बढ़त और बुधवार को करीब 70 अंक की तेजी भी रही। फेडरल रिजर्व की वार्षिक मौद्रिक नीति बैठक में ब्याज दर बढ़ौतरी पर येलेन के आनेवाले बयान को लेकर निवेशक में सतर्कता दिखी और उनके बिकवाली का रास्ता चुनने के दबाव में शुक्रवार को सैंसेक्स 224 अंक और इसके अगले दिन भी करीब 54 अंक गिर गया।