बैंकों में अब कैश की कमी नहीं, सस्ते होंगे लोन

Edited By ,Updated: 18 Nov, 2016 01:18 AM

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नोटबंदी से सस्ते लोन के अलावा बैंकों में ज्यादा पैसा आने का असर ये भी होगा कि इससे अर्थव्यवस्था को उछाल...

नई दिल्ली : नोटबंदी से सस्ते लोन के अलावा बैंकों में ज्यादा पैसा आने का असर ये भी होगा कि इससे अर्थव्यवस्था को उछाल मिलेगा और जीडीपी ग्रोथ बढ़ेगी। मोदी सरकार के 500 और 1000 रुपये के नोट को बंद किए जाने के फैसले का तत्काल असर बैंकिंग व्यवस्था की सेहत पर होता दिख रहा है। बैंकों के पास अप्रत्याशित रूप से नकदी जमा हुई है और आने वाले दिनों में बैंक इसका फायदा ग्राहकों को सस्ते लोन के रुप में मिलेगा।

नोटबंदी के बाद बैंकों के पास अभी तक करीब 4 लाख करोड़ रूपये जमा हुए हैं। बैंकों के लिए अभी तक एनपीए बड़ी समस्या बनी हुई थी। एनपीए अधिक होने की वजह से बैंकों को नकदी की समस्या का सामना कर पड़ रहा था और इस वजह से बड़े प्रोजेक्टस की फंडिंग और ब्याज दरों को कम किए जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।

अधिक नकद जमा होने के बाद बैंक जमा दरों में कटौती किए जाने के बारे में भी सोच रहे हैं। जमा दरों में कटौती किए जाने का फायदा बैंक सस्ते लोन के रुप में ग्राहकों को देंगे। ब्याज दरों में कटौती किए जाने की लंबे समय से मांग होती रही है। हाल ही में आरबीआई में रेपो दर में कटौती की थी। माना जा रहा है कि आरबीआई अगली समीक्षा बैठक में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।

एसबीआई ने एक साल से 455 दिनों के डिपॉजिट रेट को घटाकर 6.90 पर्सेंट कर दिया है। इसके अलावा बैंक ने 211 दिन से एक साल के जमा के लिए डिपॉजिट रेट को पहले के 7 पर्सेंट पर बनाए रखा है। बैंकों में पैसा जमा कराने वालों के लिए यह अच्छी खबर नहीं है। हालांकि लोन सस्ता होने के बाद क्रेडिट ग्रोथ में तेजी आएगी और इसका फायदा तेज ग्रोथ के रूप में जीडीपी को मिलेगा। अभी तक प्राइवेट बैंकों में एक्सिस ने दरों में कटौती की है। बैंक ने लोन की दरों में 0.15-0.20 पर्सेंट की कमी की है। बैंक अब 9.05 पर्सेंट का ब्याज लेगा। यह एसबीआई के ब्याज दर 8.90 पर्सेंट से अधिक है।
 

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