Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Dec, 2017 11:48 AM
वित्तीय हालात सुधारने के लिए वित्त मंत्रालय ने फंसे कर्ज की समस्या से जूझ रहे सरकारी बैंकों को घाटे में चल रही शाखाओं को बंद करने का सुझाव दिया है। सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय ने बैंकों से कहा है कि घाटे वाली शाखाओं को चलाते रहने का कोई औचित्य नहीं...
नई दिल्लीः वित्तीय हालात सुधारने के लिए वित्त मंत्रालय ने फंसे कर्ज की समस्या से जूझ रहे सरकारी बैंकों को घाटे में चल रही शाखाओं को बंद करने का सुझाव दिया है। सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय ने बैंकों से कहा है कि घाटे वाली शाखाओं को चलाते रहने का कोई औचित्य नहीं बनता है। इनसे बैंक के बैलेंस शीट पर दबाव बढ़ता है। भारतीय स्टेट बैंक (एस.बी.आई) और पंजाब नेशनल बैंक (पी.एन.बी.) इस दिशा में पहले ही कदम उठा चुके हैं।
अंतरराष्ट्रीय शाखाओं के संदर्भ में मंत्रालय ने बैंकों से एकीकरण पर विचार करने और कुछ गैर जरूरी शाखाओं को बंद करने को कहा है। मंत्रालय का कहना है कि बाहर किसी एक देश में कई भारतीय बैंकों के होने की जरूरत नहीं है। वहां पांच-छह बैंकों को मिलकर सब्सिडियरी के रूप में एकल शाखा चलाने पर विचार करना चाहिए। सरकारी बैंक कुछ शाखाओं को बंद करने या बेचने पर भी विचार कर सकते हैं ताकि अधिकतम रिटर्न वाले बाजारों पर फोकस किया जा सके। इसके तहत पीएनबी ब्रिटेन में अपनी सब्सिडियरी पीएनबी इंटरनेशनल में हिस्सेदारी बेचने की संभावना तलाश रही है।