Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Oct, 2017 10:09 AM
उपभोक्ता फोरम ने एक ग्राहक की सहमति के बिना एक सिम कार्ड को गलत ढंग के साथ डी-एक्टिवेट (बंद) करने और उसकी पो....
नई दिल्ली: उपभोक्ता फोरम ने एक ग्राहक की सहमति के बिना एक सिम कार्ड को गलत ढंग के साथ डी-एक्टिवेट (बंद) करने और उसकी पोर्टिंग करने पर दूरसंचार कंपनी भारती एयरटैल को 30,000 रुपए का हर्जाना देने का आदेश दिया है।
क्या है मामला
हैदराबाद के बालकमपैट निवासी राघवेंद्र राव वर्ष 2010 से एयरटैल का मोबाइल कनैक्शन इस्तेमाल कर रहा था परन्तु अचानक साल 2015 में उसका कनैक्शन बंद कर दिया गया। एक हफ्ते के अंदर-अंदर उसके सिम कार्ड को दोबारा एक्टिवेट भी कर दिया गया परन्तु 2 दिनों के अंदर-अंदर उसके सिम कार्ड को दोबारा बंद कर दिया गया। उसने स्थानीय महाकाली पुलिस स्टेशन में एयरटैल के विरुद्ध धोखाधड़ी का केस और हैदराबाद जिला उपभोक्ता फोरम में भी केस दर्ज करवाया। श्री राव ने दावा किया कि उसका कनैक्शन बंद कर देने से उसे 16 लाख रुपए का नुक्सान उठाना पड़ा।
क्या कहा फोरम ने
केस की सुनवाई दौरान एयरटैल के प्रतिनिधियों ने फोरम को बताया कि जब कंपनी ने उनके कनैक्शन को फिर एक्टिवेट करने की पेशकश की तो श्री राव ने 10 लाख रुपए के मुआवजे समेत एक फैंसी नंबर देने की भी मांग की थी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फोरम ने आखिर उपभोक्ता के पक्ष में फैसला देते हुए कहा कि उसके कनैक्शन को गलत ढंग के साथ बंद किया गया। क्योंकि श्री राव नुक्सान का सबूत मुहैया नहीं करवा सके इसलिए मुआवजे का दावा 16 लाख रुपए से घटाया जाता है। फोरम ने एयरटैल को 30,000 रुपए खपतकार को हर्जाने के तौर पर देने का आदेश सुनाया है।