Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Aug, 2017 02:44 PM
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार गर्मी में बोई जाने वाली फसल धान, दलहन, मोटे अनाज और....
नई दिल्लीः कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार गर्मी में बोई जाने वाली फसल धान, दलहन, मोटे अनाज और तिलहन की बुवाई पिछले साल के मुकाबले अब तक 5.77 लाख हेक्टेयर पीछे चल रही है जबकि चालू खरीफ सत्र में बुवाई का समय समाप्ति की ओर है। खरीफ (गर्मी) में बोई जाने फसलों की बुवाई जून में दक्षिण पश्चिम मानसून के आरंभ के साथ शुरु होती है और कटाई का काम अक्तूबर के बाद से शुरु होता है। करीब 90 प्रतिशत बुवाई का काम अब पूरा हो चुका है।
मौसम विभाग ने मानसून सामान्य रहने का अनुमान व्यक्त किया है लेकिन अभी तक छह प्रतिशत बरसात की कमी है जबकि देश के लगभग एक चौथाई हिस्से से अपर्याप्त बरसात की सूचना है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार सभी खरीफ फसलों की बुवाई का रकबा वर्ष 2017-18 में आज तक 1,013.83 लाख हेक्टेयर हो गया है जो पूर्व वर्ष की समान अवधि के बुवाई के रकबे 1,019.60 लाख हेक्टेयर से 5.77 लाख हेक्टेयर कम है। धान बुवाई का रकबा कम यानी 358.28 लाख हेक्टेयर है जो पिछले साल इसी अवधि में 361.24 लाख हेक्टेयर था। दलहन बुवाई का रकबा पहले के 141.35 लाख हेक्टेयर के मुकाबले घटकर 135.96 लाख हेक्टेयर रह गया है। इसी तरह से किसानों ने 178.85 लाख हेक्टेयर में अभी तक मोटे अनाजों की बुवाई की है जो रकबा पिछले साल इसी अवधि में 182.61 लाख हेक्टेयर था। जबकि तिलहन फसलों का रकबा इस बार 164.24 लाख हेक्टेयर है जो पहले 178.66 लाख हेक्टेयर था।
हालांकि, कुछ नकदी फसलों की बुवाई का रकबा अभी तक अधिक है। गन्ना बकाए के समय पर भुगतान के कारण यह रकबा बढ़कर 49.78 लाख हेक्टेयर हो गया जो पहले 45.64 लाख हेक्टेयर था। इसके अलावा कपास की बुवाई का रकबा भी अभी तक बढ़कर 119.67 लाख हेक्टेयर हो गया है जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 102.54 लाख हेक्टेयर था। लेकिन जूट की बुवाई का रकबा कम यानी 7.05 लाख हेक्टेयर ही है जो पहले 7.56 लाख हेक्टेयर था।