Edited By ,Updated: 08 Mar, 2017 05:25 PM
ट्रांजैक्शन फीस पर बैन लगाने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर व डी.जी.सी.ए. के सर्कुलर के बावजूद यह फीस वसूलने के मामले में शीर्ष कंज्यूमर फोरम ने एयरलाइन्स कम्पनी स्पाइसजेट को 2 यात्रियों को 50,250 रुपए देने का आर्डर दिया है।
नई दिल्लीः ट्रांजैक्शन फीस पर बैन लगाने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर व डी.जी.सी.ए. के सर्कुलर के बावजूद यह फीस वसूलने के मामले में शीर्ष कंज्यूमर फोरम ने एयरलाइन्स कम्पनी स्पाइसजेट को 2 यात्रियों को 50,250 रुपए देने का आर्डर दिया है। नैशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट रिडरैस्ल काऊंसिल (एन.सी.डी.आर.सी.) ने एयरलाइन्स कम्पनी को आर्डर दिया है कि वह राजस्थान निवासियों सुजाता चौधरी और संजय राहर को 25,125-25,125 रुपए हर्जाना दे।
एयरलाइन्स कम्पनी की याचिका हुई थी खारिज
डिस्ट्रिक्ट काऊंसिल ने एयरलाइन्स कम्पनी की याचिका खारिज कर दी थी जिसके खिलाफ कम्पनी ने पुनरीक्षण याचिका दायर की थी जिसे खारिज करते हुए एन.सी.डी.आर.सी. ने यह आर्डर सुनाया। डिस्ट्रिक्ट काऊंसिल ने कम्पनी को आदेश दिया था कि वह दोनों यात्रियों को मुआवजा दे जिसके बाद उसने डिस्ट्रिक्ट काऊंसिल का दरवाजा खटखटाया था।
कोट्स
ट्रांजैक्शन फीस लेकर याचिकाकर्ता (स्पाइसजेट) ने डी.जी.सी.ए. द्वारा जारी निर्देशों का उल्लंघन किया है जिसके निदेर्शों का पालन करना सभी विमानन कम्पनियों के लिए अनिवार्य है।’’
यह था मामला
दोनों यात्रियों ने दिल्ली से कोयम्बटूर की टिकट बुक करवाई थी। जब उन्हें टिकट मिली तो उन्हें पता चला कि एयरलाइन्स कम्पनी ने ट्रांजैक्शन फीस के तौर पर उनसे कुल 125-125 रुपए लिए हैं। डी.जी.सी.ए. के 17 दिसम्बर, 2012 के आदेश के अनुसार एयरलाइन्स कम्पनी यह फीस वसूल नहीं कर सकती।