ड्रोन के खतरे से निपटने की तकनीक का परीक्षण शुरू

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Feb, 2018 04:16 PM

start the test of drone hazard techniques

ड्रोन से विमानों और हवाई अड्डों की सुरक्षा तथा असामाजिक तत्त्वों द्वारा इनके गलत इस्तेमाल को रोकने की तकनीक पर दूरसंचार सेवा प्रदाता वोडाफोन ने परीक्षण शुरू किया है। कंपनी ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति में दावा किया कि इस तरह की

नई दिल्लीः ड्रोन से विमानों और हवाई अड्डों की सुरक्षा तथा असामाजिक तत्त्वों द्वारा इनके गलत इस्तेमाल को रोकने की तकनीक पर दूरसंचार सेवा प्रदाता वोडाफोन ने परीक्षण शुरू किया है। कंपनी ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति में दावा किया कि इस तरह की तकनीक का परीक्षण दुनिया में पहली बार किया जा रहा है। उसने बताया कि इसमें 4जी इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि नागरिक इस्तेमाल में आने वाले वाणिज्यिक ड्रोन इतने छोटे होते हैं कि पारंपरिक रडारों की पकड़ में नहीं आते। ये दुनिया भर में पायलटों के लिए गंभीर खतरा हैं, विशेषकर हवाई अड्डों के आसपास जहां विमान कम ऊंचाई पर उड़ान भर रहे होते हैं, साथ ही असामाजिक तत्त्व भी कैदियों तक नशीली दवाएं पहुंचाने के लिए ड्रोनों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल की संभावना को लेकर सुरक्षा तथा खुफिया सेवा की चिंता भी बढ़ रही है।

वोडाफोन ने कहा है कि उसने पहली बार ड्रोनों के लिए रेडियो पॅजिशनिंग सिस्टम (आरपीएस) विकसित किया है जिसमें आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का एक एल्गॉरिदम है। इससे बड़ी संख्या में ड्रोन को ट्रैक और दूर बैठकर नियंत्रित किया जा सकेगा। कंपनी ने कहा है कि ड्रोन सुरक्षा को गति देने के लिए उसने अपने आरपीएस अनुसंधान को सार्वजनिक कर दिया है तथा इसके इस्तेमाल पर वह कोई लाइसेंस शुल्क भी नहीं ले रही है। स्पेन के बार्सिलोना में मोबाइल वल्र्ड कांग्रेस के दौरान इस तकनीक का प्रदर्शन किया गया।   

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