Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Jul, 2017 03:21 PM
रिहायी संपत्ति से किराया आय को माल एवं सेवा कर जीएसटी से छूट दी गयी है लेकिन वाणिज्यिक उद्देश्य से किराया या पट्टे से
नई दिल्लीः रिहायय़ी संपत्ति से आने वाले पैसों पर जी.एस.टी. से छूट दी गई है लेकिन वाणिज्यिक उद्देश्य से किराया या पट्टे से सालाना 20 लाख रुपए से अधिक आय पर जी.एस.टी. लगेगा। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि अगर आवासीय संपत्ति दुकान या कार्यालय के लिए किराया पर दिया गया है, तो 20 लाख रुपए से कम किराए पर जी.एस.टी. नहीं लगेगा लेकिन अगर किराया 20 लाख से अधिक है तो जी.एस.टी. में जरूरी होगा।
अधिया ने जी.एस.टी. मास्टर क्लास में कहा, रिहायी मकान से मिलने वाली किराया आय को छूट दी गयी है लेकिन अगर आपने अपनी इकाई वाणिज्यक उपक्रम को दी है है तब अगर आप 20 लाख रुपए से अधिक प्राप्त कर रहे हैं तब आपको कर देना होगा। जो करदाता छूट सीमा से अधिक कमा रहे हैं, उन्हें जी.एस.टी. नेटवर्क से पंजीकरण करना होगा और कर देना होगा। जी.एस.टी.एन. के मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रका कुमार ने कहा कि 69.32 लाख पंजीकृत् उत्पाद, सेवा कर और वैट भुगतानकर्ता जी.एस.टी.एन. पोर्टल पर चले गए हैं। पुरानी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में ऐसी 80 लाख इकाइयां थी।