बैंककर्मियों की हड़ताल, लेनदेन बुरी तरह प्रभावित

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Aug, 2017 03:47 PM

strike of bank employees  transactions badly affected

कों के निजीकरण और विलय के खिलाफ तथा बैंकों में सभी पदों पर भर्ती, अनुकंपा आधार पर नियुक्ति एवं नोटबंदी

नई दिल्लीः बैंकों के निजीकरण और विलय के खिलाफ तथा बैंकों में सभी पदों पर भर्ती, अनुकंपा आधार पर नियुक्ति एवं नोटबंदी के दौरान किए गए अतिरिक्त काम के लिए ओवरटाइम दिए जाने जैसी मांगों को लेकर आज सरकारी बैंककर्मियों की देशव्यापी हड़ताल से बैंकिंग सेवाए बुरी तरह प्रभावित हुयी और आम लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

दिल्ली तथा इसके आस-पास के इलाकों में हड़ताल के कारण राष्ट्रीयकृत बैंकों की सेवाए ठप रहीं और लोगों को मुश्किल का सामना करना पड़ा। इस हड़ताल का आह्वान बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों के संयुक्त संगठन , यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने किया है। इसमें कर्मचारियों के पांच और अधिकारियों के चार संगठन शामिल हैं। देशभर के करीब 10 लाख बैंक कर्मचारियों तथा अधिकारियों के हड़ताल पर रहने से पूरे देश में बैंकिंग गतिविधियां प्रभावित हुई। हड़ताल का असर बिहार में भी देख गया।

केवल जालंधर जिले में 700 करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ प्रभावित 
इसी तरह यूएफबीयू के जालंधर संयोजक अमृतलाल ने बताया कि हड़ताल से केवल जालंधर जिले में लगभग सात सौ करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित हुआ है। उन्होंने बताया कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को कारपोरेट घरानों को सौंपना चाहती है, जो पहले ही बैकों का अरबों रुपया कर्ज के रास्ते चूस चुके हैं।

उन्होने बताया कि बैंकों का बैड लोन पन्द्रह लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर चुका है। इसके अतिरिक्त पिछले पांच वर्षों में कार्पोरेट घरानों का 2,49,927 करोड़ रुपए का कर्ज बट्टे खाते में डाला जा चुका है।

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