चीनी मिलों ने गन्ना किसानों के 92 प्रतिशत बकाए का भुगतान किया

Edited By ,Updated: 29 Jun, 2016 07:01 PM

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सरकार ने आज कहा कि चीनी मिलों ने गन्ना किसानों के 48,675 करोड़ रुपए के बकाए का भुगतान कर दिया है

नई दिल्ली: सरकार ने आज कहा कि चीनी मिलों ने गन्ना किसानों के 48,675 करोड़ रुपए के बकाए का भुगतान कर दिया है और उस पर सितंबर को समाप्त होने वाले चालू विपणन वर्ष में करीब 4,225 करोड़ रुपए का बकाया रह गया है। गन्ना के कुल बकाए में उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 1,975 करोड़ रुपए का बकाया था।  

 

भुगतान योग्य गन्ना कीमत और बकाए को उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफ.आर.पी.), जो अधिकतम कीमत है और केन्द्र द्वारा निर्धारित किया जाता है, के आधार पर गणना की गई है और यह किसानों को दिया जाएगा। विपणन वर्ष 2015-16 के लिए गन्ने का एफ.आर.पी. 230 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।  

 

खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "चालू चीनी सत्र 2015-16 के दौरान देश भर में चीनी मिलों द्वारा किसानों से करीब 23 करोड़ टन गन्ने की खरीद की गई थी।"  मंत्रालय ने कहा, "उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफ.आर.पी.) के आधार पर गन्ना के कुल 52,900 करोड़ रुपए के कुल बकाए में से चालू चीनी सत्र में गन्ना कीमत के बकाए के रूप में केवल 4,225 करोड़ रुपए अब बच गए हैं।" इसमें कहा गया है कि चीनी मिलों ने अभी तक गन्ना बकाया राशि का करीब 92 प्रतिशत का भुगतान कर दिया है। 

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