Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Aug, 2017 10:33 AM
घर खरीदना प्रत्येक इंसान के लिए एक बहुत ही अहम आर्थिक फैसला होता है।
नई दिल्लीः घर खरीदना प्रत्येक इंसान के लिए एक बहुत ही अहम आर्थिक फैसला होता है। घर खरीदने के लिए होम लोन का आवेदन देने और प्रोसेसिंग फीस देने से पहले ध्यान दें कि आपने निम्नलिखित तथ्यों का पालन किया है।
अपनी लोन लेने की क्षमता को जानें
किसी को भी लोन उसकी आमदनी और कर्ज चुकाने की क्षमता के आधार पर मिलता है। होम लोन देने वाले देनदार लोन की राशि के रुप में ज्यादातर प्रॉपर्टी की 80 फीसदी वैल्यू के बराबर लोन देते हैं। आमदनी को जांचते समय वो आपकी नेट इनकम को नहीं देखते जो पे स्लिप पर लिखी हो बल्कि वो आमदनी देखते हैं जो लोन चुकाने के लिए उपयोग की जाएगी।
अपना सिबिल स्कोर जांचे
होम लोन किसी इंसान की क्रेडिट काबिलियत के आधार पर मिलता है। क्रेडिट इनफॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड (सिबिल) आपको 300 से 900 अंकों के बीच एक स्कोर प्रदान करता है। ये इस आधार पर तय होता है कि आपका पहले का क्रेडिट कार्ड उपयोग कितना है, आप अपना बैंक अकाउंट कैसे रखते हैं, कोई चेक तो बाउंस नहीं हुआ है, मौजूदा लौन, बिना इंश्योरेंस के मौजूदा लोन, लोन के रीपेमेंट और आपने कितनी बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन दिया है। जिन लोगों को सिबिल स्कोर 700 से ज्यादा होता है उन्हें होम लोन आसानी से मिल जाता है।
ब्याज दर के प्रकार
लोन चुकाने के लिए आप जिस तरह की ब्याज दर का चुनाव करते हैं उससे आपके ईएमआई पर सीधा असर पड़ता है। आपके लिए फिक्स्ड रेट होम लोन और फ्लोटिंग रेट होम लोन के बीच अंतर जानना काफी जरूरी होता है। अगर आप फिक्स्ड रेट होम लोन लेते हैं तो पूरे लोन के काल के लिए आपकी ईएमआई बदलती नहीं है। फिक्स्ड रेट होम लोन लेना तब लाभकारी होता है जब आगे चलकर ब्याज दरों के बढ़ने का संभावना हो।
मोल भाव करना
अलग अलग बैंक होम लोन पर अलग अलग ब्याज दरें लेते हैं। इसके चलते बैंकों के साथ मोल भाव करें जिससे आपको सबसे सस्ती दरों पर लोन मिल सके।
लोन की अवधि
होम लोन की राशि, होम लोन की ब्याज दर और होम लोन की कुल अवधि के आधार पर ईएमआई तय होती है। ईएमआई लोन अवधि के विपरीत संबंध में होती है। जैसे जितनी ज्यादा लोन की अवधि होगी उतनी ही कम ईएमआई होगी और जितनी कम लोन अवधि होगी, उतनी महंगी ईएमआई होगी।
साइन करने से पहले दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें
होम लोन के दस्तावेज बहुत ज्यादा होते हैं और सिर्फ इसलिए इन्हें बिना पढ़े साइन ना करें। माना कि इन्हें पढ़ने में बहुत वक्त लगेगा लेकिन ये आपके ही पैसे की सुरक्षा के लिए सही है। बैंक से मिले दस्तावेजों को पढ़ें और देखें कि इसमें वही शर्ते लिखी हुई हैं जिनपर आप राजी हुए थे।