Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Jun, 2017 05:36 PM
मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस जियो ने उन टैलीकॉम कंपनियों पर निशाना साधा है, जो उसके ‘फ्री ऑफर्स’ को अपनी फाइनैंशियल दिक्कतों की वजह बता रही हैं। जियो ने कहा कि टैलीकॉम कंपनियां नई टैक्नोलॉजी में इन्वेस्ट नहीं कर रही हैं
नई दिल्लीः मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस जियो ने उन टैलीकॉम कंपनियों पर निशाना साधा है, जो उसके ‘फ्री ऑफर्स’ को अपनी फाइनैंशियल दिक्कतों की वजह बता रही हैं। जियो ने कहा कि टैलीकॉम कंपनियां नई टैक्नोलॉजी में इन्वेस्ट नहीं कर रही हैं और अपनी बैलेंसशीट को मजबूत करने के बजाय अपनी समस्याओं के लिए जियो को जिम्मेदार ठहरा रही हैं।
ऑपरेटर्स को नई टैक्नोलॉजी में इन्वेस्ट करने की जरूरत
रिलायंस जियो ने सोमवार को इंटरमिनिस्ट्रीयल ग्रुप (आईएमजी) के साथ मुलाकात के दौरान कहा कि ऑपरेटर्स को स्टेक सेल के द्वारा फंड जुटाने या आंतरिक स्रोतों से नई टैक्नोलॉजी में इन्वेस्ट करने की जरूरत है। जियो के एक अधिकारी ने कहा, ‘ऑपरेटर्स (जियो को छोड़कर) को 1.25 लाख करोड़ रुपए के इन्वेस्ट, कर्ज चुकाने और नई टैक्नोलॉजी में निवेश करने की जरूरत है, क्योंकि डाटा में ग्रोथ हो रही है और वे स्टेक सेल करके ऐसा कर सकते हैं।’
टैलीकॉम कंपनियों पर है 4.60 लाख करोड़ का कर्ज
टैलीकॉम सेक्टर को हो रहीं फाइनैंशियल दिक्कतों के समाधान के लिए आईएमजी के साथ ऑपरेटर्स की कंसल्टेशन मीटिंग आज शुरू हुई। टैलीकॉम कंपनियां फिलहाल 4.60 लाख करोड़ रुपए के कर्ज के बोझ से दबी हुई हैं और जियो की एंट्री के बाद कॉम्पिटीशन बढ़ने से उनसे रेवेन्यू और प्रॉफिटेबिलिटी पर प्रेशर बना हुआ है।