टैलीकॉम चार्जस ने घटाया कंपनियों का राजस्व

Edited By ,Updated: 25 Mar, 2017 04:57 PM

telecom charges reduced the revenue of companies

मोबाइल कॉल और डाटा चार्ज की दरें कम होने के कारण टैलीकॉम कंपनियों के राजस्व में कमी आ रही है।

नई दिल्ली: मोबाइल कॉल और डाटा चार्ज की दरें कम होने के कारण टैलीकॉम कंपनियों के राजस्व में कमी आ रही है। इसके कारण नया निवेश करने की उनकी क्षमता प्रभावित होगी और स्पेक्ट्रम के भुगतान में देरी हो सकती है। यह जानकारी सरकार ने राज्यसभा में दी है।

निवेश करने की क्षमता होगी प्रभावित
टैलीकॉम मंत्री मनोज सिन्हा ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि मोबाइल कंपनियों से सरकार को स्पेक्ट्रम के भुगतान मिलने में अभी कोई देरी नहीं है। सरकार को वर्ष 2012, 2013 और 2014 में हुई नीलामी के बकाया भुगतान तय तारीख को सरकार को प्राप्त हुए हैं। हालांकि मोबाइल कंपनियों की आपसी स्पर्धा के चलते कॉल और डाटा दरों में कमी आने के कारण उनका राजस्व घट रहा है। इसके कारण नया निवेश करने की उनकी क्षमता प्रभावित हो सकती है। इससे आने वाले समय में कंपनियों से स्पेक्ट्रम के भुगतान में भी देरी हो सकती है।

प्रमोशनल ऑफर्स उपभोक्ताओं के व्यापक हित में
टैलीकॉम रेगुलेटर ट्राई ने टैलीकॉम कमीशन के उस तर्क को खारिज कर दिया है जिसमें उसने कहा था कि टैलीकॉम कंपनियों के प्रमोशन ऑफर्स को अनुमति दिए जाने के कारण उद्योग की वित्तीय स्थिति खराब हुई है और सरकार को लाइसेंस फीस के भुगतान में कमी आई है। ट्राई का मानना है कि प्रमोशनल ऑफर्स को व्यापक नजरिए से देखने की जरूरत है। इसमें उपभोक्ताओं का हित निहित है। ट्राई अगले हफ्ते जवाब कमीशन को भेज सकता है। ट्राई के अधिकारी ने कहा कि टैरिफ ऑर्डर ट्राई के दायरे में आते हैं। अगर किसी को इस पर कोई आपत्ति है तो वह टीडीसैट में अपील कर सकता है। ट्राई ने रिलायंस जियो के प्रमोशनल ऑफर्स का बचाव किया है।

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